नई दिल्ली- हाई कोर्ट से बैठहराया जाने के बाद बिहार में हो रही जाति जनगणना का असर अब उत्तर प्रदेश में बढ़ता जा रहा है। अब तक विपक्ष के इंडिया गठबंधन से अगले और दिखाने वाली बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भी जातीय जनगणना की मांग को आगे बढ़ा दिया है। मायावती ने बुधवार को ही सिलसिले में ट्वीट कर अपनी बात रखी है। इसे सबसे बड़ी बात यह है। कि कभी मायावती के सहयोगी रहे है। और आजकल सपा की तारीफ करने वाले सामाजिक न्याय से जुड़ी लड़ाई का नेतृत्व कर रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस बात को लेकर मायावती का स्वागत किया है।उन्होंने कहा कि मायावती लगातार समाज के हित में कार्य करते हुए नजर आ रही है।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर लिखा वह भी इसी समाज की आर्थिक स्थिति व सामाजिक स्थिति का सही आकलन कर उनके हिसाब से विकास योजना बनाने के लिए बिहार सरकार द्वारा कार्यवाही की जानी चाहिए यानी कि जाति जनगणना कराई जानी चाहिए। वही पटना हाई कोर्ट का पोता बहराइच जाने के बाद अब लगातार यूपी में सबकी निगाहें टिकी हुई है।
यहां इसलिए टिकी हुई है और यह प्रक्रिया कब देश के कई राज्यों में जाति जनगणना के बाद यूपी में भी इसे करने की मांग लगातार चोर पकड़ रही लेकिन वर्तमान बीजेपी सरकार भी इसके लिए तैयार नहीं लगती या आती चिंता नहीं है। जबकि बीच बीएसपी की मांग केवल यूपी में ही नहीं बल्कि केंद्र को राष्ट्रीय स्तर पर भी जाति जनगणना करना चाहिए।
देश में जाति जनगणना का मुद्दा मंडल आयोग की सिफारिश को लागू करने के तहत राजनीति का नहीं बल्कि सामाजिक न्याय से जुड़ा महत्वपूर्ण मामला समाज के करीब कमजोर उसके चर्चित लोगों को देश के विकास में उचित भागीदारी बनाकर उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए ऐसी घटना जरूरी है।
इस मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य ने स्वागत किया है।
उन्होंने स्वागत करते हुए कहा कि मायावती अभी पापा से दूरी बना रखी हो।
लेकिन लगातार बात करें तो काफी जनगणना को लेकर मायावती सपा कांग्रेस के सभी बड़े नेता इसको लागू करने के पीछे पड़े हुए आखिर क्या वजह है। इस पर सवाल लगातार बने हुए हैं। 2024 को लेकर इस गणना से कितना लाभ होगा राजनीतिक पार्टियों को क्या-क्या चीजें देखनी पड़ेगी और कौन सी ऐसी चीजें हैं। जिनको लेकर जाति जनगणना के पीछे विपक्षी दल यानी कि उनका गठबंधन पड़ा हुआ है।