नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश में इन दिनों पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य की खूब चर्चा हो रही है. दरअसल ये मामला ही कुछ ऐसा है कि हर किसी का ध्यान इसी पर लगा हुआ है. ज्योति के पति आलोक ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी पत्नी की पढ़ाई के लिए उसका सहयोग किया, खूब मेहनत की. मगर जब पत्नी अधिकारी बन गई तो उसने उन्हें छोड़ दिया और दूसरे अधिकारी से रिश्ता बना लिया. इस पूरे मामले पर ज्योति मौर्य ने भी अपने पति पर दहेज और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज करवाया है.
इसी बीच यूपी समेत देश के कई हिस्सों से ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं, जिसमें पति द्वारा अपनी पत्नी को पढ़ने से रोका जा रहा है. तो वहीं कुछ ऐसी मामले भी सामने आ रहे हैं, जिसमें नौकरी लगने के बाद पत्नी ने पति को ही छोड़ दिया है. इसी बीच राजस्थान से इस समय एक इकरारनामा यानी शपथ पत्र यूपी समेत पूरे देश में वायरल हो रहा है.
सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा ये शपथ पत्र पति-पत्नी के बीच हुआ है. इसमें अजीबो-गरीब शर्त लिखी है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह शपथ पत्र 3 जुलाई 2023 का बताया जा रहा है.
इस शपथ पत्र के मुताबिक, कथित पत्नी अंजलि ने अपने कथित पति दिनेश मीणा से एक वादा किया है. दरअसल इकरारनामा में पत्नी के जयपुर में रहकर RAS की पढ़ाई करने का जिक्र है और नौकरी लगने के बाद पति को धोखा देने पर नौकरी से निलंबित करने के साथ-साथ पति को 1 करोड़ रुपए का जुर्माना देने का भी जिक्र है. इस शपथ पत्र को यूपी की पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य के विवाद से जोड़कर खूब वायरल किया जा रहा है.
इस कथित शपथ पत्र में लिखा है कि, “मैं अंजली मीणा अपने पति दिनेश मीणा और अन्य समस्त प्रमुख अधिकारियों के सामने यह वचन लेती हूं कि मेरे पति दिनेश मुझे अपने घर से दूर जयपुर में मेरी RAS की पढ़ाई करवा रहे हैं. अगर मैं कभी भी, कितने भी दिनों में कर्मचारी बन जाती हूं तो अपने पति को धोखा नहीं दूंगी. लेकिन फिर भी अगर ऐसा करने की मेरी मजबूरी हुई तो मुझे मेरे पद से निलंबित किया जाएगा और मैं उनके परिवार को 1 करोड़ रुपए दूंगी. इस शपथ पत्र के आखिरी में दिनेश के हिंदी में और अंजलि के अंग्रेजी में हस्ताक्षर हैं.
हमारे सहयोगी राजस्थान तक ने वायरल हो रहे इस इकरारनामा की सच्चाई जानने की कोशिश की. कई कोशिश करने के बाद भी सीधे तौर पर इसमें लिखे गए नामों की तलाश नहीं की जा सकी. अब इस शपथ पत्र की सच्चाई जानने के लिए हमारे सहयोगी राजस्थान तक ने राजस्थान हाईकोर्ट के वकील अमितोष पारीक से बात की.
राजस्थान हाईकोर्ट के वकील अमितोष पारीक ने बताया, “सोशल मीडिया पर वायरल शपथ पत्र एडिट किया हुआ है. इसमें बिल्कुल भी वास्तविकता नहीं है, क्योंकि यदि शपथ पत्र को देखेंगे तो उसमें जहां 3 जुलाई तारीख लिखी है वह एक एडिट फोंड है. असली शपथ पत्र में जो तारीख की मोहर लगती है, उसमें उस साल का जिक्र हमेशा होता है.
उन्होंने आगे बताया कि, इस वायरल शपथ पत्र के बीच में हिंदुस्तान कोका कोला बेवरेज लिखा है, जिससे पता चलता है की यह शपथ पत्र कोका कोला बेवरेज का बैंकग्राउंड में आ रहा है. इससे साफ जाहिर होता है कि शपथ पत्र पहली नजर में नकली है. इसमें तारीख सही नहीं है.