नई दिल्लीः भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इन दिनों बड़े-बड़े कीर्तिमान गढ़ रही है, जिसका असर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। हाल ही में इसरो ने चंद्रमा पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग कर बड़ा इतिहास बनाया था। इसके बाद उत्साहित इसरो के वैज्ञानिकों ने आदित्य एलवन को सूरज के सफर पर भे दिया था।
आदित्य एलवन का मकसद सूर्य के पास जाकर वायुमंडल से घटित होने वाली घटनाओं के बारे में खोज करना है। इस बीच आदित्य एलवन ने देशवासियों को एक संदेश भेजा है, जिसमें वह काफी ठीक नजर आ रहा है। उसने सूरज की ओर जाते हुए पृथ्वी और और चांद की फोटो खींच ली इतना ही नहीं एक वीडियो भी बनाया है। आदित्य एलवन द्वारा बनाए गए वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया गया है, जहां जिस पर लोग इसरो की वाह वाही कर रहे हैं।
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Aditya-L1 Mission:
👀Onlooker!Aditya-L1,
destined for the Sun-Earth L1 point,
takes a selfie and
images of the Earth and the Moon.#AdityaL1 pic.twitter.com/54KxrfYSwy— ISRO (@isro) September 7, 2023
18 सितंबर तक धरती के चारों तरफ इतने बार ऑर्बिट बदलेगा आदित्य एलवन
इसरो ने आदित्य एलवन से संबंधित कई जानकारी साझा की हैं, जिन्हें जानना बहुत ही जरूरी है। सूर्य यान 18 सितंबर तक धरती के चारों ओर चार बार ऑर्बिट बदलने का काम करेगा। इसके साथ ही सूर्य यान अगली ऑर्बिट मैन्यूवरिंग 10 सितंबर की रात होगी। आदित्य एलवन जब अपनी दूरी तय कर लेगा तो प्रतिदिन 1440 फोटो इसरो ऑफिस को भेजेगा। इससे इसरो के वैज्ञानिक बडे़ पैमाने पर सौर मंडल और वायुमंडल पर अच्छा अध्ययन कर सकेंगे। इसके साथ ही यह तस्वीरें आदित्य में लगा विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ लेगा, जिस जानना जरूरी होगा।
इसरो से मिली जानकारी के अनुसार, पहली तस्वीर फरवरी महीने में देखनेो को मिलेगी। वहीं, इसरो के सूर्य मिशन में लगा VELC सूरज की HD फोटो लेगा। जाकारी के लिए बता दें कि इसरो ने आदित्य-L1 मिशन को पांच साल के लिए तैयार किया है। अगर यह सही सलामत रहा तो यह 10-15 साल तक आसमान में काम करने में सफल हो सकता है। भारत को लगातार सूरज से संबंधित डेटा मुहैया कराएगा।
सूर्य मिशन का क्या है मकसद
इसरो ने जब सूर्य मिशन को आदित्य एलवन नाम से लॉन्च किया तो ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल था कि इसका मकसद क्या होगा। दरअसल, आदित्य एलवन सौर तूफानों के आने की वजह, सौर लहरों और उनका धरती के वायुमंडल पर क्या असर देखने को मिलता है। इसके साथ ही आदित्य सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं पर भी अध्ययन करने का काम करेगा।