अगर आप इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं। तो आपको हर हालत में 15 सितंबर 2025 तक आरटीआर दाखिल कर लेना चाहिए नहीं तो इसके बाद टैक्स रिटर्न भरेंगे तो आपको शुल्क देना पड़ेगा। आप इनकम टैक्स भरने जा रहे हैं। जिससे कुछ बातों को जान लेना चाहिए नहीं तो ITR भरते समय आप से ही गलतियां हुई तो भारी पड़ सकती है जिससे जमाने के साथ-साथ जेल भी हो सकती है। ऐसी कौन सी गलती हैं,तो नहीं करनी चाहिए यह आप को बताते है।

टैक्स विभाग ने आईटीआर दाखिल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई से 15 सितंबर 2025 कर दी है। जिससे लोगों को कोई समस्या ना हो विभाग ने काफी बड़ा समय दे दिया है। अगर आप से जाने अनजाने में यह गलती हो गई तो आपको इन वजह से 200% जुर्माना और 12 फ़ीसदी ब्याज लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं जेल भी हो सकती है।

आईटीआर फाइल के लिए चुने सही फॉर्म

अगर आपकी आय बिजनेस से है  या फिर सैलरी में तो आयकर विभाग के द्वारा उपलब्ध कराए गए ITR  1 से लेकर 7 फॉर्म में से एक चुनें। जिससे आपको बता दें कि बैंक ब्याज,सैलरी, पेंशन, मकान के रेंट से इनकम है तो ITR 1 आपके लिए है। तो शेयर बाजार से होने वाली कमाई, डिविडेंड कमाई कैपिटल गेंन को भी अपने रिटर्न में शो कर सकते हैं। ध्यान देने वाली बात है कि अगर आपने गलत आइटीआर फॉर्म चुन लिया तो विभाग की ओर से नोटिस मिल सकता है।

AIS सिस्टम की सही दें जानकारी

ITR भरते समय इन जरूरी सावधानियां को ध्यान में रखना चाहिए। इस बार के अपडेट में टैक्स विभाग के AIS सिस्टमसे हर क्लेम को क्रोस चेकिंग कर रहा है। ऐसे में इनकम टैक्स रिटर्न करने के समय जरूरी दस्तावेज को तैयार रखें। अगर बिना प्रूफ क्लेम कर रहे हैं तो रिजेक्ट हो सकता है।

ITR में भरें सही व्यक्तिगत जानकारियां

आरटीआई भरते समय व्यक्तिगत जानकारियां में नाम, पैन कार्ड डिटेल्स, आधार कार्ड, जानकारी और सभी बैंकों खातों की डीटेल्स सही-सही भरें, जिससे कोई खामी न रह जाए।

TDS क्रेडिट की जानकारी

अगर आप सैलेरी पर्सन है तो आपको कंपनी के तरफ से दिए गए फॉर्म 16 को टीडीएस की सभी जानकारी ITR में दाखिल करें। कुछ लोग इस जानकारी को छुपाते हैं तो कार्रवाई हो सकती है। इसके साथ टैक्स अधिनियम 80C, 80D, 80G जी के तहत टैक्स छूट का लाभ भी ले सकते हैं गलत जानकारी देने पर लगेगा 50फीसदी जुर्माना हो सकता है।

घोषित करें सभी स्रोतों से आय

आईटीआर दाखिल करते समय पहले से आय से जुड़े दस्तावेज इकट्ठा कर लें और सभी स्रोतों से आए घोषित करें। अगर कोई आय छिपाता है। तो कर  देनदारी का 50% लेकर 200 फीसदी तक जुर्माना लग सकता है।