नई दिल्ली : आज के समय में बिकिनी और स्विमसूट पहनना एक आम बात हैं। लेकिन आज से कुछ साल पहले 60 से 80 के दशक में इसे पहनना आम बात नहीं थी। कोई भी बड़ी एक्ट्रेस इसे पहनकर कैमरे के सामने नहीं आना चाहती थी। वह समय साड़ियों का दौर था। ऐसे में कोई एक्ट्रेस इस तरह की ड्रेस या बिकनी पहन लें तो विवाद होना निश्चित था। मगर 60 के दशक में एक ऐसी एक्ट्रेस भी थी जिसने बिकनी पहनने की हिम्मत दिखाई। इस एक्ट्रेस ने न सिर्फ बिकनी पहनी बल्कि लोगों के सामने भी आई।
हम जिस एक्ट्रेस की बात कर रहे हैं उनका नाम है शर्मिला टैगोर। शर्मिला का ऐसा अंदाज दर्शकों को कुछ ज्यादा रास नहीं आया और वह विवादों में फंस गईं। वर्ष 1966 में फिल्मफेयर मैगजीन के कवर पेज पर शर्मिला बिकिनी पहनी नजर आईं। इन तस्वीरों से शर्मिला खूब चर्चा में रही। आपको बता दें कि यह वो समय था जब शर्मिला और मंसूर अली खान पटौदी एक दूसरे को डेट कर रहे थे। शर्मिला ने अपने बिकिनी फोटोशूट और इससे जुड़े विवाद को मंसूर अली खान की माँ तक नहीं पहुंचने दियाथा। इसके बाद शर्मिला टैगोर ने इसी साल रिलीज हुई फिल्म ‘आमने-सामने’ में भी स्विमसूट पहना था। भारत के दर्शकों ने किसी एक्ट्रेस को पहली बार बिकिनी में पोज देते देखा, तो बवाल मच गया।
सड़कों पर शर्मिला टैगोर के बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए उनका विरोध किया गया। यह कॉन्ट्रोवर्सी इतनी बढ़ गई कि संसद भवन में भी यह मुद्दा गर्मा गया। शर्मिला अपने दौर की पहली एक्ट्रेस थी जिन्होंने मैगजीन के लिए बिकिनी फोटोशूट करवाया था। 1966 ये साल विवाद से भरा होने के बाद भी शर्मिला के करियर के लिए शानदार रहा था। इस साल उनकी 5 फिल्में अनुपमा, नायक, देवर, सावन की घटा, ये रात फिर न आएगी रिलीज हुई। पांचों ही फिल्में सुपरहिट साबित हुई।