नई दिल्ली : बॉलीवुड अभिनेता खलनायक संजय दत्त (Sanjay Dutt) के बारे में आज कौन नहीं जानता। संजय दत्त (Sanjay Dutt) के साथ-साथ उनका पूरा परिवार फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ा रहा है और काफी मशहूर रहा है। संजय दत्त के पिता सुनील दत्त और मां नरगिस दत्त (Nargis Dutt) अपने जमाने की टॉप स्टार रह चुकी है। दोनों ही अपने दमदार एक्टिंग के लिए मशहूर रहे थे।
नरगिस (Nargis Dutt) सिर्फ एक्टिंग ही नहीं बल्कि अपनी खूबसूरती के लिए भी काफी मशहूर हुआ करती थी। लेकिन खूबसूरती के मामले में नरगिस की मां उनसे चार कदम आगे थी। मगर क्या आपको पता है अभिनेत्री नरगिस की मां एक तवायफ हुआ करती थी। आज हम आपको उन्ही के बारे में बताने वाले हैं। कोलकाता में जन्मी नरगिस का पालन पोषण एक कोठी में हुआ था।
उनकी मां एक ऐसी तवायफ थी जिनके गाने सुनने का शौक मुगलों की शान हुआ करता था और एक कोठी से ही भारत को पहली महिला संगीतकार भी मिली थी। उस समय तवायफ के पेशे से भी ज्यादा ख़राब काम लड़कियों का फिल्मों में काम करना माना जाता था।
एक कोठे पर गाने वाली महिला ही भारत की पहली महिला म्यूजिक डायरेक्टर बनी और वह कोई और नहीं नरगिस की मां जद्दनबाई (Jaddanbai) थी। उसी जद्दनबाई (Jaddanbai) के नाती है संजय दत्त्त। संजय दत्त की नानी इतनी खूबसूरत और आवाज की इतनी करिश्माई थी कि उनसे शादी करने के लिए दो ब्राह्मणों ने इस्लाम कबूल कर लिया था।
जद्दनबाई (Jaddanbai) भी खुद अपनी मां की वजह से तवायफ बनी थी। मां के नक्शेकदम पर जद्दनबाई भी ठुमरी और गजलें सुनाने लगीं। इनकी आवाज की दीवानगी ऐसी थी कि इन्हें सुनने आए दो ब्राह्मण परिवार के नौजवानों ने इनसे शादी करने के लिए परिवार छोड़कर इस्लाम कबूल कर लिया। 8 अप्रैल 1949 को जद्दनबाई कैंसर से लड़ते हुए दुनिया से रुख्सत हो गईं। नरगिस दत्त की मौत भी कैंसर से हुई थी।