नई दिल्ली Start Fish Farming Business: लगातार किसानी करने में लागत बढ़ रही है। जिस कारण से किसान खेती करना छोड़ रहे हैं। इसके स्थान पर किसान बकरी पालन, गाय पालन, मुर्गी पालन और मछली पालन को प्रायोरिटी दे रहे हैं।
इसमें लागत से ज्यादा कमाई होती है। इसकी खास बात ये है कि आज के समय युवाओं और किसानों में मछली पालन का क्रेज काफी बढ़ रहा है। क्यों कि मार्केट में मछली की मांग भी काफी है। वहीं डॉक्टर भी लोगों को मछली के खाने की सलाह देते हैं।
अगर आप मछली पालन के बिजनेस को शुरु करने का प्लान बना रहे हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद खास हो सकती है। बता दें इस बिजनेस को आप मात्र 550 रुपये में शुरु कर सकते हैं। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
जानें क्या है बायोफ्लॉक विधि
बायोफ्लॉक विधि में बैक्टीरिया का इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीक में सबसे पहले मछलियों को सीमेंट या मोटी पॉलिथीन से बने टैंक में डाला जाता है। मछली को वही खाना दिया जाता है जो कि साधारणतय: दिया जाता है।
मछलियां अपने खाते का 75 फीसदी भाग मल के रूप में शरीरी से बहार निकाल देती हैं। फिर बोयोफ्लॉक बैक्टीरियां इस मल को प्रोटीन में बदले का काम करता है। जिसे मछलियां खाती हैं और इसी में मछलियों का विकास काफी तेजी से होता है।
इस तकनीक के क्या हैं लाभ
इस तकनीक में कम लागत, सीमित जगह एवं ज्यादा उत्पादन होता है। चार महीने में सिर्फ एक बार ही पानी भरा जाता है। गंदगी जमा होने पर केवल 10 फीसदी पानी निकालकर इसको साफ कर दिया जा सकता है। वहीं अनुउपयोगी जगह पर कम पानी का उपयोग होता है। इसमें मजदूरों की लागत भी कम ही होती है।
देशी जुगाड़ में करें मछली का पालन
हमारे देश में देशी जुगाड़ से भी मछली का पान कर सकते हैं। देशी जुगाड़ से किसान काफी कम कीमत में मछली का पालन कर सकते हैं। बता दें बायोफ्लॉक तकनीक में मछलियों को सीमेंट या फिर मोटी पॉलीथीन से बने टैंक में पाला जाता है। ऐसे में किसान प्लास्टिक कंटेनर का इस्तेमाल करके मछली का पालन करते हैं। ये काफी कम कीमत वाला है।
बता दें इस जुगाड़ में आप सिर्फ 550 रुपये में ये काम कर सकते हैं। वहीं किसान इससे लाखों का लाभ भी कमा सकते हैं। प्लास्टिक कंटेनर में मोटी पॉलीथीन लगाकर पानी भर दिया जाता है। जिसके बाद इसमें आसानी से मछली का पालन किया जा सकता है। ये तरीका बेहद ही आसान और कम खर्च वाला होता है।