नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से अब एक ऐसा फैसला लिया गया है, जो लोगों का दिल जीतने के लिए काफी है। आरबीआई ने रेपोरेट दरों के लेकर एक चौंकाने वाला ऐलान किया गया है, जो महंगाई पर काबू पाने के लिए काफी है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में अब ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
बीते महीने की तरह जून में रेपोरेट दरों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, जिससे महंगाई को काबू में करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। अब रेपो रेट अभी भी 6.50 प्रतिशत ही है, जो आगे भी यह रहने वाली है। यह फैसला रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास एमपीसी की बैठक में फैसला लिया गया है। इससे अब बैंक भी अपने खाताधारकों पर ब्याज की राशि नहीं बढ़ाने वाली हैं, जिससे करोड़ों कर्ज धारकों को फायदा देखने को मिलेगा।
अप्रैल में स्थिर थी रेपोरेट दर
वित्तीय साल के पहले महीने यानि अप्रैल में भी रेपोरेट की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था, जिससे कर्जदार खाताधारकों के चेहरे पर काफी रौनक देखने को मिली थी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, मौद्रिक नीति समिति के सदस्यों ने रेपो रेट में स्थिरता बनाए रखने के लिए फैसला लिया गया गया है। वहीं, इससे पहले अप्रैल में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की पहली बैठक हुई थी। बैठक में भी नीतिगत दरों को स्थिर बनाए रखने का निर्णय लिया गया था। मई 2022 में आरबीआई ने लंबे अंतराल के बाद रेपो रेट में परिवर्तान किया गया था। फरवरी 2023 तक 6 बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर बढ़कर 6.50 प्रतिशत पर पहुंच गया।
जानिए महंगाई कैसे होगी काबू
जानकारी के लिए बता दें कि मई 2022 में जब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को बढ़ाने आरंभ किया था। तब देश में खुदरा महंगाई 7.8 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई ने यह स्तर छुआ था, जिसके बाद मई 2022 से रेपो रेट बढ़ाने की शुरुआत हुई थी। जैसे-जैसे ब्याज दरें बढ़ने लगीं, महंगाई दर नियंत्रित होने लग गई। खुदरा महंगाई अगस्त 2022 तक 7 फीसदी के आस-पास बनी रही, फिर दिसंबर 2022 में कम होकर 5.7 प्रतिशत पर दर्ज की गई।