नई दिल्ली Personal VS Gold Loan: पैसों की अचानक जरुरत पड़ने पर लोग लोन ऑप्शन का चुनाव करते हैं। इसमें सवाल ये उठता है कि पर्सनल लोन और गोल्ड लोन में कौन सा ऑप्शन सहीं माना जाता है।
इन दोनों ही लोन के बीच में फर्म लोन अप्रूवल, ब्याज दर, लोन की रकम, लोन चुकाने का समय जैसे फैक्टर के साथ में समझा जा सकता है। इन सभी फैक्टर के आधार पर आप अपने लिए दोनों ही लोन में से बेहतरीन ऑप्शन चुन सकते हैं। दोनों ही लोन में से कौन सा लोन आपके लिए बेहतरीन है। यहां पर समझें।
लोन अप्रूवल
वहीं पर्सनल लोन की बात करें तो इसके लिए शख्स का क्रेडिट स्कोर, मंथली इनकम, वर्क प्रोफाइल आदि जरुरी होते हैं। वहीं दूसरी तरफ गोल्ड लोन को सिक्योर लोन कहा जाता है। क्यों कि इस प्रकार के लोन में लोन डिफॉल्ट होने पर गोल्ड ज्वैलरी को सेल किया जा सकता है। खराब क्रेडिट स्कोर होने पर पर्सनल लोन मिलना कठिन हो जाता है। वहीं इस स्थिति में गोल्ड लोन काम आता है।
ब्याज दर
लोन लेने वाले शख्स के क्रेडिट प्रोफाइल और लेंडर क्रेडिट प्रोसेसिंग पॉलिसी के आधार पर पर्सनल लोन पर ब्याज तय होता है। ये सालाना 10.5 फीसदी की दर से शुरु होता है। बहराल कुछ पब्लिक सेक्टर बैंक लोन कम ब्याज दर पर पेश करते हैं।
वहीं गोल्ड लोन के केस में ये लोन अदा करने का समय, पैसे और रिपेमेंट के विकल्प पर आधारित होता है। एक अच्छी क्रेडिट प्रोफाइल हो तो दोनों ही लोन के लिए ब्याज दर एक जैसी ही होती है। ये ब्याज की दर बेकार क्रेडिट स्कोर वालों के लिए गोल्ड लोन को लेकर पर्सनल लोन के मुकाबले कुछ कम हो सकती है।
लोन की राशि
वहीं पर्सनल लोन के साथ में शख्स 50 हजार रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक की पैसों की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। बहराल कुछ केस में ये रकम 30 लाख रुपये हो सकती है। लोन की राशि रिपेमेंट कैपेसिटी और लोन चुकाने के समय पर बेस्ड होती है।
वहीं दूसरी तरफ गोल्ड लोन के केस में लोन की रकम जमा किए गए सोने की कीमत और लैंडर के जरिए तय की गई लोन टू वैल्यू रेशियो पर बेस्ड होती है। यहां पर ये समझने की आवश्यकता है कि सेंट्रल बैंक RBI के नियमों के अनुसार लोन टू वैल्यू रेशो 75 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
लोन अदा करने का क्या है समय
पर्सनल लोन को अदा करने के लिए एक से 5 साल का वक्त लगता है। कुछ परिस्थियों में लोन अदा करने का समय 7 से 8 साल हो सकता है। वहूं दूसरी तरफ गोल्ड लोन चुकाने के लिए मैक्जिमम 3 से 5 साल का वक्त लगता है। ऐसे में कम समय में ज्यादा लोन अदा करने के लिए मंथली EMI भी ज्यादा होती है।