नई दिल्ली Systematic withdrawal plan: अगर आप नौकरीपेशा हैं तो ये आपके लिए काफी बड़ी खबर हो सकती है। नौकरी करने वालों को सबसे बड़ी चिंता ये रहती है कि रिटायरमेंट के बाद सैलरी से होने वाली इनकम खत्म हो जाती है। इसमें सिर्फ सेविंग काम आती है।
अगर सहीं से नौकरी रहते प्लानिंग की जाए तो रिटायरमेंट के बाद भी पैसे की समस्या नहीं होगी। हम आपको बता रहे हैं कि रिटायरमेंट के बाद पैसों की कमी नहीं हो, इसके लिए किस प्रकार से फाइनेंशियल प्लानिंग करनी चाहिए।
रिटायरमेंट में किन बातों का रखें ध्यान?
फाइनेंशियल प्लानिंग का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद अपने खर्च को डिसाइड करना चाहिए। फिर उसको लेकर प्लानिंग बनी रहनी चाहिए। रिटायरमेंट के बाद रेगुलर खर्च होता है, जिसमें सफर, दवा, खरीदारी आदि चीजें शामिल हैं।
एक बुजुर्ग नागरिक के रूप मे आपको आपात स्थिति में सामना करना चाहिए। इसलिए आपको इसके लिए बिल्कुल तैयार रहना चाहिए। महंगाई आपके सेविंग पर किस प्रकार का असर डालती है। ये अपने प्लान में शामिल होना चाहिए। साधारण महंगाई की तुलना का खर्च काफी तेजी से बढ़ रहा है।
कहां पर पैसा निवेश करें?
एक्सपर्ट के अनुसार, अगर आप नौकरी शुरु होने के साथ में अपनी इनकम की 30 फीसदी रकम सेविंग कर दें तो इस पैसे को एसआईपी के द्वारा अलग से संयोजन है। डेट फंड कम जोखिम के साथ में स्थिर रिटर्न प्रदान करता है, जबकि इक्विटी फंड में हायर रिटर्न लेकिन ज्यादा जोखिम भी होता है।
आमतौर पर लोग रिटारयरमेंट निवेश के रूप में सेकेंडरी इनकम सोर्स जैसे किराए की इनकम, सोने की सेविंग या फिर आरडी पर निर्भर होता है। अगर आपके पास कुछ किराएं की इनकम है तो ये काफी अच्छा है। आपके पास फिक्स डिपॉजिट में कुछ पैसा होना चाहिए। इसके साथ में इक्विटी में कुछ पैसा रखना चाहिए।
एसडब्ल्यू प्लान क्या है?
वहीं म्युचुअल फंडों में एसआईपी प्लान एक शानदार स्कीम है। बता दें एसडब्ल्यू प्लान के द्वारा निवेशक एक फिक्स रकम म्युचुअल फंड स्कीम से वापस पाते हैं। कितने समय में कितना पैसा निकालना है ये ऑप्शन निवेशक चुनते हैं। वहीं मंथली या फिर तिमाही आधार पर ये काम कर सकते हैं।
एसआईपी विड्रॉल प्लान के साथ में आप अपने बैंक खाते में जमा करने के लिए एक मंथली रकम तय कर सकते हैं। इसके साथ में निवेश रिटर्न से भी लाभ उठा सकते हैं। जो कि आइडियल रूप से समय के साथ में मुद्रास्फिति को पार कर जाता है।