Kisan News: किसानों के लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार अब एफसीआई के माध्यम से किसानों से सीधे गेहूं खरीदेगी। इसके लिए एफसीआई ने जिले में तीन स्थानों पर अपने क्रय केंद्र भी खोल दिए हैं, जहां एक मार्च से गेहूं की खरीद शुरू हो जाएगी।
इसके खुलने से गेहूं बेचने के लिए किसानों की राज्य सरकार के खरीद केंद्रों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी. सबसे बड़ी बात यह है कि इस साल सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद डेढ़ महीने पहले ही शुरू हो जाएगी। जिससे किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
एफसीआई ने जिले में तीन स्थानों पर क्रय केंद्र खोले
एफसीआई ने जिले के डुमरा, रुन्नीसैदपुर व सोनबरसा में एक-एक केंद्र खोला है. बुधवार को रुन्नीसैदपुर में भी इस क्रय केंद्र का उद्घाटन किया गया. इसके अलावा राज्य सरकार पहले की तरह जिले के सभी पैक्सों और व्यापार मंडलों के माध्यम से गेहूं की खरीद करेगी.
इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का काम भी शुरू हो गया है. विभागीय अधिकारी के अनुसार अब तक रुन्नीसैदपुर के बीस किसानों ने ई-पोर्टल पर गेहूं बेचने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि जिले के 156 किसानों ने अब तक अपना रजिस्ट्रेशन कराया है.
पिछले साल केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपये तय किया था. जबकि इस साल 2275 रुपये प्रति क्विंटल भुगतान किया जाएगा. पिछले वर्ष जिले में मात्र 14 किसानों से पैक्स व व्यापार मंडल के माध्यम से खरीदारी की गयी थी. वह भी मात्र 27.999 मीट्रिक टन.
इसका कारण पैक्स और व्यापारिक संस्थानों से किसानों का मोहभंग होना बताया जा रहा है. समय पर राशि का भुगतान न होना, राशि में कटौती, भंडारण के कारण खरीद में देरी आदि ऐसे कारण रहे हैं जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इसके चलते किसान सरकारी एजेंसियों के बजाय खुले बाजार में गेहूं बेचने को मजबूर हो गए हैं। किसानों की इन समस्याओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने सीधे एफसीआई के माध्यम से गेहूं खरीदने का फैसला किया है। अनुकूल मौसम के कारण इस वर्ष गेहूं की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है।
प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी सुरेंद्र महतो कहते हैं कि गेहूं के बाजार मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य में समानता के कारण पिछले वर्ष जिले में गेहूं की खरीदारी नगण्य थी.