नई दिल्ली। सरकार ने आम चुनावों से पहले लगभग 9 करोड़ महिलाओं को बहुत ही बड़ा गिफ्ट दिया है। आम चुनाव से पहले, 1 अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष के लिए उज्ज्वला योजना के तहत गरीब महिलाओं को प्रति एलपीजी सिलेंडर सब्सिडी ₹300 बढ़ाने की घोषणा की है।
पिछले साल अक्टूबर में भी सरकार ने सिलेंडर पर सब्सिडी में वृद्धि की थी। यह स्कीम गरीब परिवारों को तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) के आराम के लिए बड़ी राहत प्रदान कर रही है।
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अब नए फैसले के तहत इस सब्सिडी को मार्च 2025 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। सरकार के इस कदम के बाद लगभग 10 करोड़ लोगों को लाभ मिलने की संभावना जताई गई है।
उज्ज्वला योजना का विस्तार
इस कदम से लगभग 10 करोड़ परिवारों को लाभ होने की संभावना है और सरकार पर 12,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। ग्रामीण और वंचित गरीब परिवारों को एलपीजी सिलेंडर की कटौती के साथ ही, प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना द्वारा महिलाओं को जमा-मुक्त एलपीजी कनेक्शन भी प्रदान किया जा रहा है।
उज्ज्वला योजना का इतिहास
प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) मई 2016 में शुरू हुई थी, जिससे गरीब महिलाओं को सस्ते और सुरक्षित ईंधन के लिए सुविधा मिली थी। इसके अंतर्गत मुफ्त कनेक्शन दिया जाता था, लेकिन रिफिल की कीमत पर बाजार मूल्य देना पड़ता था।
उज्ज्वला योजना के लाभ
सिलेंडर की कटौती के साथ-साथ, गरीब परिवारों को अब भी ₹300 तक की सब्सिडी मिलेगी, जो उन्हें और भी आरामदायक बनाएगी। इससे एलपीजी का उपयोग बढ़ेगा और पर्यावरण के साथ ही महिलाओं की जिंदगी भी बेहतर होगी।
मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले, सरकार ने अगस्त के अंत में रसोई गैस की कीमतों में ₹200 प्रति सिलेंडर की कटौती की थी। इसके बाद एलपीजी सिलेंडर की कीमत 903 रुपये पर आ गई।
उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए, ₹300 प्रति सिलेंडर सब्सिडी पर विचार करने के बाद कीमत ₹603 थी, जिसका भुगतान सीधे कनेक्शन धारकों के बैंक खातों में किया जाता है।
गरीबी और ऊर्जा की समस्याओं को देखते हुए, सरकार ने उज्ज्वला योजना में सुधार कर महिलाओं को और अधिक सहायता प्रदान की है। यह एक प्रगतिशील कदम है जो गरीबी को कम करने और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में है।