नई दिल्ली Government health coverage scheme: देश की सरकार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए आयुष्मान स्कीम चला रही है। आयुष्मान भारत स्कीम को पीएम आरोग्य स्कीम के नाम से जाना जाता है। पीएम मोदी ने साल 2016 में इस स्कीम का शुभारम्भ किया था।
सरकार अपनी इस स्कीम के तहत देश के गरीब लोगों को एक प्रकार से हेल्थ इंश्योरेंस प्लान देती है। इस स्कीम के तहत लाभार्थियों को सरकारी या लिस्टेड प्राइवेट अस्पतालों में 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है।
अगर आप इस स्कीम का लाभ उठाने की सोचते हैं तो आपको इसके बारे में पूरी जानकारी कर लेनी चाहिए। यहां पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि आयुष्मान स्कीम का लाभ कौन-कौन लोग उठा सकते हैं और इसके क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।
कौन उठा सकता है आयुष्मान स्कीम का लाभ
आयुष्मान भारत स्कीम देश के उन लोगों को हेल्थ कवरेज देता है, जिनकी इनकम काफी कम है। इसके अलावा इस स्कीम का लाभ गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जाता है। इसके लिए सरकार ने कुछ योग्यता तय की है।
इसके मुताबिक, पीएम जन आरोग्य स्कीम का लाभ ग्रामीण लोगों के उन परिवारो को दिया जाएगा जिनका घर कच्ची दीवार और कच्ची छत वाला है। वहीं जिन परिवार में 16 साले से 59 साल की आयु के बीच में कोई सदस्य नहीं है।
यहीं नहीं आदिवासी एससी, एसटी, भूमिहीन परिवार दिहाड़ी मजदूर या ऐसा परिवार जिसमें दिव्यांग लोग हैं और उसके परिवार में शरीरिक रूप से सक्षम कोई भी वयस्क सदस्य नहीं उनको भी आयुष्मान भारत स्कीम के दायरे में लाया गया है। योग्यता जांचने के लिए 14555 पर कॉल कर सकते हैं।
जानें क्या है आयुष्मान गोल्डन कार्ड
इस स्कीम के तहत परिवार के आकार, आयु या फिर लिंग पर कोई लिमिट नहीं है। जो भी योग्य परिवार होगा उसके लिए आयुष्मान गोल्डन कार्ड जारी किया जा सकता है। ये कार्ड देश के 13 हजार से भी ज्यादा सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में मान्य है। आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से गोल्डन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इन बीमारियों में होगा मुफ्त इलाज
आयुष्मान स्कीम के तहत जारी आयुष्मान गोल्डन कार्ड के द्वारा पुरानी और सभी बीमारियों का मुफ्त में इलाज कराया जा सकता है। इसमें कैंसर गंभीर बीमारियों के अलावा 1500 से ज्यादा बीमारियों का कवर होता है।
आयुष्मान स्कीम के लाभ
इस कार्ड़ के तहत बीमारी होने पर आपको हॉस्पिटल में एडमिट होने के समय बस आयुष्मान कार्ड दिखाना होता है। इसके बाद इलाज के खर्च के लिए कोई पेपर या कैश की आवश्यकता नहीं होती है। यानि कि ये कह सकते हैं कि इस स्कीम के तहत पेपरलेस और कैशलेस इलाज कराया जा सकता है। यानि कि मुफ्त में इलाज कराया जा सकता है।