नई दिल्ली PPF Interest Rate: आज के समय हर कोई अपने परिवार के भविष्य को ध्यान में रखकर निवेश प्लान करता है। लेकिन आपकी ये प्लानिंग तब ज्यादा सही लगती है जब आपको बेहतरीन रिटर्न मिलता है। बीते कुछ सालों एफडी पर बैंकों की ओर से तेजी से ब्याज दरों में इजाफा किया गया है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि यदि आप निवेश का प्लान कर रहे हैं तो पीपीएफ और एफडी दोनों में बेहतर क्या होगा।
PPF सरकार समर्थित टैक्स सेविंग स्कीम है। इसमें निवेश से आप टैक्स की देनदारी कम करने के साथ में रिटायरमेंट के लिए भी बड़ा फंड जमा करने का ऑप्शन देता है। पीपीएफ खाते की अवधि 15 सालों के लिए होती है। इसमें आप सुविधानुसार, 5-5 सालों के लिए एक्सटेंड कर सकते हैं। इसमें हर साल के आधार पर कम से कम 500 रुपये और मैक्जिमम 1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं।
आपको खाता खोलने के लिए सिर्फ 100 रुपये की जरुरत होती है। बहराल सालाना 1.5 लाख रुपये से ज्यादा के किसी भी निवेश पर ब्याज नहीं मिलेगा। इस रकम पर टैक्स सेविंग के लिए पात्र नहीं होंगे। पीपीएफ खाते में 15 साल तक हर फाइनेंशियल ईयर में आपको कम से कम एक बार पैसा जमा करना होगा। सालाना मिनिमम 500 रुपये का निवेश करना होगा।
PPF में निवेश का अलग ही फायदा है इसमें आपकी कमाई और मैच्योरिटी की रकम दोनों ही इनकम टैक्स अधिनयम 1961 के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स फ्री हैं। इस समय सरकार की तरफ से PPF पर 7.1 फीसदी की दर से ब्याज प्राप्त हो रहा है। इस पर एक और लाभ होता है कि आपको सालाना ब्याज मिलता है।
वहीं एफडी की बात करें तो इसको बैंक और एनबीएफसी के द्वारा जारी एक सेविंग स्कीम है। एफडी निवेश का सबसे सेफ तरीका है। एफडी की अवधि आपके निवेश के उद्देश्य के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। इसमें आप 7 दिन से लेकर मैक्जिमम 10 सालों तक निवेश कर सकते हैं। एफडी पर छमाही और तमाही या मंथली कंपाउंट इंटरेस्ट प्राप्त होता है।
कुछ फिक्स डिपॉजिट मंथली इनकम प्रदान करती है। इस प्रकार की एफडी लोगों के इनकम के लिए एक रिलाइबल सोर्स के तौर पर काम करती हैं। इसके अलावा टैक्स सेविंग एफडी आपकी इनकम टैक्स देनदारी को कम करने में सहायता कर सकती हैं। निवेशक इनकम टैक्स की धारा 1961 की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिल सकता है।
वहीं आखिरी में पीपीएफ और एफडी में निवेश करने के बीट में ऑप्शन मिलता है तो ये आपके स्पेसिफिक सेविंग स्कीम पर निर्भर करता है। अगर आप फ़्लैगेबिलिटी के साथ में एक फिक्स कमाई का सोर्स और बेहतरीन रिटर्न पाना चाहत हैं तो एफडी एक अच्छा सोर्स हो सकता है। बहराल आप टैक्स बेनिफिट के साथ में लॉन्ग टर्म रिटायरमेंट सेविंग को प्रायोरिटी देते हैं तो पीपीएफ आपके लिए सबसे अच्छा ऑप्शन हो सकता है।