नई दिल्ली EPFO Pension Rules: अगर आप किसी कंपनी में नौकरी करते हैं तो प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे कर्मचारी की रिटायरमेंट 58 साल से 60 साल होती है। अगर आपने किसी प्राइवेट कंपनी में 10 सालों तक काम किया है। तो आप पेंशन के हकदार हैं ये पेंशन कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद में मिलती है। अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये आता है कि यदि कभी किसी कर्मचारी की 58 साल की आयु में मौत हो जाती है तो क्या उसकी पत्नी को पेंशन का लाभ मिलता है। चलिए इसके बारे में डिटेल से बताते हैं।
मिलने वाले पेंशन के लाभ
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कई बार शारीरिक रूप से अस्वस्थ होकर शख्स की मौत हो जाती है तो ऐसे में EPFO के तहत मिलने वाली रकम मृतक के परिवार के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो सकती है।
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EPFO के तहत मिलने वाली पेंशन
EPFO प्राइवेट कर्मचारियों को पेंशन देता है। EPF एक प्रकार का प्रॉविडेंट फंड है, जो कि कर्मचारी को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का काम करती है। कर्मचारी प्रत्येक माह अपनी सैलरी का फिक्स पैसा EPF फंड में जमा करता है। ये राशि कर्मचारी की सैलरी का 12 फीसदी है। इसमें कर्मचारी के साथ-साथ कंपनी की तरफ से भी कंट्रीब्यूशन दिया जाता है। कंपनी भी हर महीने इतना पैसा PF खाते में कंट्रीब्यूशन करती है। इस फंड का उपयोग रिटायरमेंट के लिए किया जाता है।
जानिए कब मिलती है पेंशन
वहीं सरकार ने रिटायरमेंट की आयु 58 साल है। कर्मचारी अपने कंट्रीब्यूशन का पैसा पीएफ फंड में और एक हिस्सा ईपीएस में जमा किया जाता है। जब कर्मचारी की उम्र 58 साल से ज्यादा हो जाएगी तो वह इस फंड से पैसा निकाल सकते हैं। कर्मचारी पीएफ खाते से एक साथ पैसा निकाल सकते हैं। जबकि EPS खाते में जमा रकम कर्मचारी को पेंशन के रूप में दी जाती है।
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पत्नी को मिलती है पेंशन
अब सवाल ये आता है कि पत्नी को पेंशन कब मिलती है। बता दें यदि कर्मचारी की मौत 58 साल के बाद में हो जाती है तो उसकी पेंशन का हक उसकी पत्नी को मिलता है। इससे नॉमिनी को पूरी राशि मिल जाती है। यदि रिटायरमेंट के बाद में कर्मचारी की मौत हो जाती है तो उसकी पत्नी को पेंशन की रकम का एक भाग है। अगर कर्मचारी की रिटायरमेंट से पहले मौत हो जाती है तो ये रकम पत्नी को पेंशन के तौर पर मिलती है। इससे कर्मचारी की मौत का अंतर जितना भी कम होगा, पेंशन की राशि उतनी ही कम हो जाएगी। विधवा के लिए पेंशन की राशि 1 हजार रुपये तय की गई है। इसका अर्थ है कि कर्मचारी की मौत होने के बाद उसकी विधवा पत्नी 1 हजार रुपये पेंशन के रूप में मिलेंगे।