नई दिल्लीः अगर आपके घर में किसी व्यक्ति का जॉब करते हुए पीएफ का पैसा कट रहा है तो फिर यह खबर बहुत ही कीमती साबित होने जा रही है। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही वित्तीय साल के लिए ब्याज देने की राशि की दरें तय कर सकती है, जिसकी चर्चा तेजी से की जा रही है।
अगर आपका भी पीएफ कट रहा है तो फिर दो-दो हाथ उछलने वाली खबर मिलने जा रही है। इस बार भी पहले की तरह करीब 8 फीसदी ब्याज मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है। सरकार वित्तीय साल 2022-23 के लिए ब्याज दर तय करेगी। माना जा रहा है कि इस वित्तीय साल में कर्मचारयों को करीब 8 फीसदी ब्याज का लाभ मिलेगा, जिसपर मुहर लगना बाकी है।
मोदी सकार ने आधिकारिक तौर आधिकारिक तौर पर यह ऐलान नहीं किया है, लेकिन मीडिया की खबरों में बड़ा दावा किया जा रहा है। इससे कर्मचारियों क चेहरे पर काफी रौनक दिख रही है।
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ब्याज दरों में इतने फीसदी की बढ़ोतरी संभव
एक रिपोर्ट में कुछ बड़ा दावा किया गया है, जिसे जानकर पीएफ कर्मचारी काफी खुश नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि सरकार सरकार वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पीएफ की जमा रमक पर ब्याज दर करीब 8 प्रतिशत करने का ऐलान कर सकती है। यह बीते वित्त वर्ष के लगभग बराबर है।
जानकारी के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की कमाई पर काम किया जा रहा है। यह राशि वैसे तो कम है। पुराने चालिस साल के इतिहास में इस बार 8 फीसदी सबसे कम ब्याज की राशि दी जाएगी। इससे बीते साल भी 8.1 फीसदी ब्याज देकर कर्मचारियों को खुशखबरी दी गई थी।
जल्द होगी बैठक
सरकार जल्द ही ब्याज दरों को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है, जिसके लिए रोडमैप तैयार होता दिख रहा है। ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की इस महीने के आखिर या फिर मार्च की शुरुआत में बैठक होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके बाद 2022-23 की कमाई के आधार पर इसकी वित्त निवेश और लेखा परीक्षा समिति द्वारा सिफारिश की जानी संभव मानी जा रही है।
वहीं, जानकारी के लिए बता दें कि सीबीटी ईपीएफओ का एक त्रिपक्षीय निकाय माना जाता है। इसमें सरकार, कर्मचारी और नियोक्ता के प्रतिनिधि शामिल कर दिए गए हैं। सीबीटी का निर्णय ईपीएफओ पर बाध्यकारी है। इसकी अध्यक्षता श्रम मंत्री करते है।
जानिए इससे पहले दिया गया था कितना ब्याज
मोदी सरकार ने वित्तीय साल 2021-22 के लिए 8.1 फीसदी ब्याज की राशि जारी की गई थी, जिससे कर्मचारियों को बड़ी निराशा हाथ लगी थी। यह राशि भी इतिहास में सबसे कम थी। ईपीएफ पर 8.1 प्रतिशत की ब्याज दर 1977-78 के बाद से सबसे कम मानी जा रही है। यह 8 फीसदी रही, जो सबसे कम रहने की उम्मीद है। इससे कर्मचारियों को बड़ा झटका भी लगना तय माना जा रहा है। वहीं, 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा मार्च 2021 में निर्धारित की गई थी। जानकारी के लिए बता दें कि सरकार पीएफ कर्मचारियों को हर साल ब्याज देने का ऐलान करती है, जिससे करीब 7 करोड़ लोगों को बंपर फायदा होता है।