नई दिल्ली: बिजली कंपनियों ने उत्तर प्रदेश की बात करें तो बिजली दर बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव मिल चुका है। इस प्रस्ताव को नियामक आयोग की तरफ से स्वीकार भी किया जा चुका है। आयोग को इस पर अहम फैसला भी लेना बाकी रह गया है। अप्रैल से आम जनता के बीच सुनवाई होने की उम्मीद लागई जा रही है।
मई के अंतिम सप्ताह या जून के दौरान देखा जाए तो सप्ताह तक नई दरों को लेकर तैयारी हो रही है। राज्य की सभी बिजली कंपनियों की ओर से देखा जाए तो 2023-24 की दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता की बात करें तो औसत 18 से 23 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव मिलना शुरु हो चुका है।
18 से 23 प्रतिशत तक हो सकती है बढ़ोतरी
विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह और सदस्य वीके श्रीवास्तव की तरफ से प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है। प्रस्ताव में घरेलू उपभोक्तओं की बिजली दर को देखा जाए तो लगभग 18 से 23 प्रतिशत तक वृद्धि होने की उम्मीद लगाई जा रही है। अन्य विद्युत उपभोक्ताओ की दर को लेकर देखा जाए तो औसत 10 से 15 प्रतिशत की बढ़त हो चुकी है।
उद्योगों की बिजली दर की बात करें तो 16 प्रतिशत तक वृद्धि प्रस्तावित हो चुका है। सभी बिजली कंपनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यकता लगभग 92547 करोड़ पर पहुंच गया है। वितरण हानियां 14.9 प्रतिशत हैं. वर्ष 2023-24 का अंतराल 9140 करोड़ पर पहुंच गया है।