नई दिल्ली APY Pension Scheme: बुढ़ापे में पेंशन एक बड़ा सहारा होता है। लेकिन ये सहारा तभी मिलेगा। जब इसके लिए आप निवेश करेंगे। अधिकतर लोग अपने बुढ़ापे को लेकर फिकर करते हैं खासतौर पर निवेश के नजरिए से देखें तो इस गलती के कारण से लोगों को बुढ़ापे में काफी पछतावा होता है। क्यों कि लोगों को शरीर साथ नहीं देता है और आवश्यक चीजों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना होता है।
अगर आप युवा हैं तो आप हर महीने सिर्फ एक छोटी सी रकम जमाकर अपने बुढ़ापे को आर्थिक रुप से खुशहाल कर सकते हैं। इसके बाद आपको मंथली एक फिक्स रकम पेंशन के तौर पर मिलती है। आपको रोज के खर्च के लिए किसी भी राह देखने की आश्यकत नहीं होती है।
अगर आप बुढ़ापे में खुशहाली चाहते हैं तो अटल पेंशन स्कीम से जुड़ सकते हैं। ये एक सरकारी पेंशन स्कीम है और इसमें गारंटीड रिटर्न मिलताहै। आप निवेश के हिसाब से मंथली 1 हजार रुपये से लेकर 5 हजार रुपे तक पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।
अटल पेंशन स्कीम से जुड़कर पति-पत्नी दोनोंं ही 10 हजार रुपये मंथली पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। कोई भी देश का नागरिक इस स्कम का लाभ उठा सकते हैं। अगर आपकी आयु 40 साल से कम है तो फिर फटाफट अटल पेंशन स्कीम में खाता ओपन करा सकते हैं। क्यों कि 40 साल से अधिक वाले इस स्कीम से नहीं जुड़ सकते हैं।
कितनी आयु के लोग लगा सकते हैं पैसा
इस स्कीम में जुड़ने के लिए 18 साल से 40 साल तय की गई है। इस स्कीम के तहत पेंशन पाने के लिए कम से कम 20 साल तक निवेश कर सकते हैं। वहीं 60 साल होने पर पेंशन की रकम मिलने लगेगी।
कितने मिलेगी पेंशन
आपकी आयु 18 साल है। फिर इस स्कीम में हर महीने 210 रुपये यानि कि हर रोज 7 रुपये का निवेश कर 5 हजार रुपये मंथली पेंशन का लाभ उठासकते हैं। वहीं यदि 60 साल की आयु के बाद सिर्फ 1 हजार रुपये की मंथली पेंशन चाहिए तो इसके लिए 18 साल से सिर्फ मंथली 42 रुपये जमा करने होंगे।
वहीं निवेशक 60 साल की आयु से पहले अपनी रकम की निकासी चाहते हैं तो कुछ परिस्थियों में ये संभव हैं वहीं यदि पति की मौत 60 साल से पहले हो जाती है। तो फिर पत्नी की पेंशन के सुविधा मिलेगी। पति-पत्नी दोनों की मौत पर नॉमिनी को पूरा पैसा वापस मिल जाएगा।
वहीं अटल पेंशन स्कीम में निवेश कर सकते हैं टैक्स सेव कर सकते हैं। इस स्कीम में निवेश कर 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं। ये छूट 80सी की धारा के तहत मिलती है। केंद्र सरकार ने अटल पेंशन स्कीम शुरुआत 2015 में की गई थी।