नई दिल्ली: Aeroponics farming. देश और दुनिया में दिनों-दिनों लगातार टेक्नोलॉजी से बदलाव आ रहे हैं। जिससे सब का में टेक्नोलॉजी का प्रयोग होने लगा है, जिससे कृषि सेक्टर भी पीछे नहीं है। इस सेक्टर में भी ऐसी-ऐसी टेक्नोलॉजी का यूज हो रहा है, जिससे कम जगह और कम लागत में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन किया जा सकता है। यहां पर आप को ऐसी टेक्नोलॉजी के बारे में बता रहे हैं,जिससे कम की कीमत में लाखों रुपए की कमाई की जा सकती है।
जैसा की आप को पता है की दुनिया में बढ़ती जनसंख्या, ग्लोबल वार्मिंग, बदलता मौसम के वजह से कई पॉब्लम आ रही है तो वही इससे दिन-प्रतिदिन कृषि योग्य भूमि की कमी होती जा रही है। इस परेशानी को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक नई कृषि टेक्नोलॉजी खोज निकाली है। ये टेक्नोलॉजी एरोपोनिक्स खेती (technology aeroponics farming)। इस अनोखी तकनीक के माध्यम से हवा में सफलतापूर्वक आलू की खेती की गई है। बता दें कि aeroponics farming में पौधों को मिट्टी, पानी एवं धूप की आवश्यकता नहीं होती है।
दुनिया के कई देशों में इसका प्रयोग हो रहा है, जिसमें भारत भी पीछे नही आप तो बता दें कि हाल ही में कई ऐसी खबरें सामने आई जिसमें बताया गया है कि aeroponics farming इस अनोखी तकनीक के माध्यम से हवा में सफलतापूर्वक आलू की खेती की गई है।
जानिए कैसे की जाती है aeroponics farming ?
एरोपोनिक्स खेती (aeroponics farming) तकनीक में पौधों के टिशू को प्लास्टिक शीट के छेद में लगाया जाता है। जिसमें पौधों की जड़ों को एक बक्से में लटकाया जाता है। इसके साथ ही हवा में पोषक तत्वों की खुराक दी जाती है। कुछ समय बाद बक्से में लटकी जड़ में आलू लग जाते हैं तब आलुओं को तोड़ कर अलग कर लिया जाता है।
जानिए क्या हैं एरोपोनिक्स खेती के फायदे?
- एरोपोनिक्स से खेती करने वालों कई प्रकार से इसके फायदे बताए है। जिससे इस तकनीक से खेती करने पर प्रत्येक पौधे से 50 से 60 आलू तक प्राप्त किए जा सकते हैं।
- जैसा की पहले बताया है कि पौधों को उगाने के लिए मिट्टी एवं पानी की आवश्यकता नहीं होती है। जिससेखेत की जुताई, सिंचाई, आदि में होने वाले खर्च में कमी आती है।
- एरोपोनिक्स से खेती करने पर उत्पादन में 12 गुणा तक वृद्धि हो सकती है। कीट एवं रोगों के होने की संभावना कम हो जाती है। जिससे किसानों को इससे खेती करने से कम लागत आती है।