Vastu Tips : भारतीय संस्कृति में अन्न को देवता का रूप मानने की परंपरा है और अन्नपूर्णा देवी को जगत माता के रूप में सम्मानित किया जाता है। इस परंपरा के अनुसार, यदि हम अन्न को सम्मानपूर्वक नहीं तैयार करते हैं या उसे अपमानित करते हैं, तो यह मां अन्नपूर्णा का अपमान माना जाता है। इससे हमें दरिद्रता और अन्न की कमी का सामना करना पड़ सकता है और इससे घर-परिवार के सदस्यों को भी परेशानियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
यह मान्यता भोजन की महत्वता, आहार के प्रति आदर्श और अन्न की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रकट करती है। भोजन न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है, बल्कि यह हमारे मानसिक, आध्यात्मिक और सामाजिक कल्याण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए, यहां बताए गए नियम और अनुशासनों का पालन करने से हम अन्नपूर्णा देवी का सम्मान करते हैं और हमारे जीवन में संतोष, समृद्धि और शांति का आदान-प्रदान होता है।तो आइये जानते है शास्त्रों में भोजन को लेकर दिए गए उपाय :
भूलकर भी थाली में न धोये हाथ:
भारतीय संस्कृति में, अन्न की पवित्रता को मान्यता प्राप्त है और अन्नपूर्णा और धन की देवी मां लक्ष्मी के प्रतीक माने जाते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि भोजन के बाद थाली में हाथ नहीं धोना चाहिए, क्योंकि इससे मां अन्नपूर्णा और मां लक्ष्मी को आपमानित किया जा सकता है। इसके स्थान पर, आपको भोजन के बाद अलग से एक पात्र में पानी लेकर हाथ धोना चाहिए। इससे आप व्यक्तिगत शुद्धता को बनाए रखेंगे और देवी मां की कृपा भी प्राप्त करते रहेंगें।
भूलकर भी न परोसे 3 रोटियां :
जब भोजन परोसा जाता है, तो तीन रोटी परोसना अशुभ माना जाता है। इसे मृत व्यक्ति को समर्पित माना जाता है और इससे अपशकुन माना जाता है। इससे बचने के लिए, आमतौर पर दो या चार रोटी ही भोजन की थाली में परोसी जाती है।इससे कोई परेशानी नहीं आती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Timesbull.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।