Vastu Shastra : वास्तु शास्त्र में पेड़-पौधों के महत्व को मान्यता प्राप्त है और उन्हें घर में स्थापित करने के विभिन्न नियम और मार्गदर्शन दिए गए हैं। केले के पौधे के लिए भी विशेष नियम बताए गए हैं। यदि केले का पौधा गलत दिशा में लगाया जाता है, तो मान्यता है कि यह बेहद अशुभ फल देता है। इन नियमों का पालन करके केले के पौधे को लगाना चाहिए. केले के पौधे को वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा में लगाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- दिशा: केले का पौधा पूर्व या पूर्वोदय दिशा में लगाना शुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व दिशा धन, समृद्धि और प्रोस्पेरिटी की दिशा मानी जाती है, और इसलिए केले का पौधा इस दिशा में लगाना शुभ होता है.केले के पेड़ को वास्तु शास्त्र में दक्षिण, पश्चिम और आग्रेय कोण में लगाने से बचने की सलाह दी जाती है। इन दिशाओं में केले का पौधा लगाने से नकारात्मक प्रभाव हो सकता है और इसलिए यहां पेड़ को नहीं लगाना चाहिए। इसके साथ ही, वास्तु शास्त्र में घर के विभिन्न भागों के लिए विशेष दिशाएं और मार्गदर्शन बताए गए हैं, जिन्हें पालन करते हुए पेड़-पौधों की स्थापना की जाती है।
- वास्तु शास्त्र में केले के पेड़ को घर के मुख्य द्वार के सामने नहीं लगाना चाहिए यह सिद्धांत व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त करता है। केले के पेड़ को मुख्य द्वार के सामने लगाने से वास्तुदोष बन सकता है और इससे तरक्की में बाधा हो सकती है। साथ ही, केले के पास में कोई भी कांटेदार पौधा नहीं रखना चाहिए क्योंकि मान्यता है कि यह नकारात्मकता लाता है और वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है।
- वास्तु शास्त्र में आमतौर पर केले के पेड़ के पास तुलसी के पौधे को लगाने की सलाह दी जाती है। केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना जाता है, जबकि तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी का वास माना जाता है। इसलिए, यदि आप तुलसी का पौधा केले के पेड़ के पास लगाते हैं, तो इससे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलने की कल्पना की जाती है।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Timesbull.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।
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