Vastu Shastra: चाहे नवविवाहित जोड़ा हो या बुजुर्ग जोड़ा, कई बार उनमें बहस हो जाती है। किसी बात पर असहमति इसकी वजह हो सकती है, लेकिन जब ऐसा बार-बार और बिना वजह होने लगे तो आपको सोचने की जरूरत है।
आपको एक बार अपने सोने की दिशा पर भी गौर करना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर कोई जोड़ा गलत दिशा में सोता है तो इसका असर उनके रिश्ते पर पड़ता है। आपस में मनमुटाव और मनमुटाव जैसी स्थितियाँ बनने लगती हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, विवाहित जोड़ों के लिए बिस्तर की स्थिति, उसका रंग और शयनकक्ष में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं बहुत मायने रखती हैं। सुखी वैवाहिक जीवन के लिए वास्तु दोष दूर करना बहुत जरूरी है।
वास्तु शास्त्र का मानना है कि शादीशुदा जोड़ों के लिए सही दिशा में सोने से जीवन साथी के प्रति सुरक्षा, प्यार और अपनेपन की भावना मजबूत होती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार शादीशुदा जोड़ों को सोते समय इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि वे किस दिशा में सिर करके सो रहे हैं और किस दिशा में पैर करके। शादीशुदा जोड़ा जिस भी दिशा में सोता है, इससे उनका वैवाहिक जीवन काफी प्रभावित होता है। शादीशुदा लोगों के लिए सोते समय सही दिशा में सोना बहुत जरूरी है।
वास्तु शास्त्र बताता है कि यदि सोते समय पति-पत्नी का सिर दक्षिण दिशा में और पैर उत्तर दिशा में हों तो उनका वैवाहिक जीवन सुखी रहता है। आमतौर पर माना जाता है कि इस तरह सोने से घर के अंदर नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है।
बिस्तर किस दिशा में रखना चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा में सोने के लिए जरूरी है कि दंपत्ति के शयनकक्ष का बिस्तर भी सही दिशा में हो। जब आप अपना बिस्तर सही दिशा में रखेंगे तो आपके सोने की स्थिति और दिशा भी सही रहेगी। वास्तु शास्त्र के अनुसार दंपत्ति का बिस्तर दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए और पैर हमेशा उत्तर दिशा की ओर करके सोना चाहिए। सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।