Naga Sadhu History: नागा साधुओं के बारे में तो हम में से बहुत सारे लोगों ने सुना होगा। लेकिन बहुत कम लोग उनके रहस्यमयी जीवन से वाकिफ होंगे। जाहिर तौर पर ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनकी जिंदगी बहुत अधिक रहस्यों से भरी होती है और आम इंसानों के लिए उनके जिंदगी में झांक कर देख पाना बहुत ही मुश्किल होता है।
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हममें से ज्यादातर लोग नाग साधुओं के बारे में जानने के लिए काफी उत्सुक होते हैं जिसमें सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि नागा साधु आखिर कपड़े क्यों नहीं पहनते हैं? और वो समाज की मुख्यधारा के लोगों से ज्यादा मेल-जोल रखना क्यों नहीं पसंद करते हैं? यहां उनसे जुड़े कुछ अनसुने किस्सों के बारे में बताया जा रहा है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नागा साधु में नागा का मतलब नग्न होता है। ऐसे साधु आजीवन नग्न अवस्था में ही अपना जीवन व्यतीत कर लेते हैं।यह साधु आजीवन नग्न अवस्था में ही रहते हैं और अपने आप को भगवान का दूत मानते हैं और ज्यादा समय तक ईश्वर की उपासना में खोए रहते हैं।
आइए जानते हैं इनके जीवन से जुड़े किस्से
नागा साधु बनने की प्रक्रिया में कुल मिलाकर 12 साल का समय लगता है। जिसमें 6 साल तो नागा पंथ में शामिल होने के लिए ये जरूरी जानकारियों को इकट्ठा करते हैं। इस दौरान वो केवल लंगोट पहनते हैं। कुंभ के मेले में नागा साधु का झुंड इकट्ठा होता है। इसके बाद वो लंगोट का भी त्याग कर देते हैं।
नागा साधु बनने की प्रक्रिया बहुत ही ज्यादा कठिन होती है। इसमें सबसे पहले नागा साधुओं को ब्रह्मचार्य की शिक्षा दी जाती है। इस परीक्षा में सफल होने के बाद उन्हें महापुरुष दीक्षा दी जाती है और इसके बाद यह यज्ञोपवीत होता है और फिर वह परिवार और खुद का खुद से ही पिंडदान करते हैं।