Sawan Vrat 2023 : सावन महीने का पहला सोमवार 10 जुलाई 2023 को पड़ रहा है, और इस दिन पहला सोमवार का व्रत रखा जाएगा। मान्यता है कि सावन मास में भगवान शिव महादेव कैलाश पर्वत से धरती पर विचरण के लिए आते हैं। इसलिए श्रावण मास में भगवान शिव की खास पूजा-अर्चना करने से विशेष फल मिलता है। सावन मास में सोमवार का व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा मिलती है और व्रती व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। भगवान शिव को गंगाजल, धातूरा, बेलपत्र आदि से अर्चित करने से भी विशेष आशीर्वाद मिलता है। सावन मास के इस पवित्र महीने में भगवान शिव की पूजा एवं ध्यान आपके आंतरिक शांति, समृद्धि, सुख और सफलता का साधन हो सकती है।
सावन मास में भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ मां पार्वती की भी पूजा की जाती है। इस मास में भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करने पर मान्यता है कि भगवान शिव हर मनोकामना को पूरा करते हैं। सावन मास में कुछ कार्यों को नहीं करने की भी मान्यता है क्योंकि इन कार्यों को करने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं।आइये जानते है कुछ कार्य :
सावन महीने में बाल और दाढ़ी बनवाना अशुभ माना जाता है। यदि आप सावन में भगवान शिव का व्रत रखते हैं, तो आपको बाल, दाढ़ी, और नाखूनों की कटाई से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा शरीर पर तेल की मालिश करवाने से भी बचें। मान्यता है कि ये कार्य सावन मास में ग्रह दोष को बढ़ा सकते हैं और साथ ही सावन के व्रत का फलदायी असर कम होता है।
दाढ़ी और बाल काटने का नियम सभी पर लागू नहीं होता है, यह व्यक्ति की अपनी इच्छा पर निर्भर करता है। सावन महीने में बाल और दाढ़ी काटने से ज्योतिष द्वारा दिये गए नियमों का उल्लंघन होता है।
माता-पिता और गुरुओं का सम्मान करें: सावन महीने में अपने माता-पिता और गुरुओं की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। उन्हें आदर्श भाव से सम्मान दें और उनके आदेशों का पालन करें।
घर को साफ रखें: सावन महीने में अपने घर को साफ़ और सुरम्य रखें। इससे पूजा के लिए शुद्ध और शांतिपूर्ण माहौल बनता है और आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Timesbull.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।