जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली के दूसरे भाव में राहु होंगे, उस व्यक्ति का जीवन सुख और आनंद से भर जाएगा। दूसरे भाव में बैठा राहु व्यक्ति को सभी तरह की सांसारिक सुख-सुविधाओं और जीवन की विलासिता हासिल करने में मदद करता है।
होते हैं भरोसेमंद
कुंडली के दूसरे भाव में बैठा राहु आपको शुभ-अशुभ दोनों तरह का फल प्रदान करता है। जिस व्यक्ति की कुंडली के दूसरे भाव में राहु होता है, लोग उसकी बात का जल्दी विश्वास कर लेते हैं। ऐसा व्यक्ति अधिकारियों का भी विश्वास पात्र बन जाता है।
मिलता है मान- सम्मान
जिनकी कुंडली के दूसरे भाव में राहु होता है, वह व्यक्ति भले ही हकदार न हो, लेकिन उसे अपने जीवन में काफी मान-सम्मान मिलता है।
शत्रु भी बन जाते हैं दोस्त
राहु के प्रभाव से विदेश से भी धन लाभ हो सकता है। अचानक ही विदेश यात्रा का भी मौका मिलता है। ऐसे लोगों को शत्रु भी नुकसान हीं पहुंचा पाते।
अशुभ राहु देता है विपरित परिणाम
हालांकि अशुभ होने की स्थिति में व्यक्ति के बनते हुए काम भी बिगड़ जाते हैं। आसान दिखने वाले काम में भी समस्या उत्पन्न हो जाती है। राहु आपके काम में भी रुकावट पैदा कर सकता है। अपना प्रभाव बढ़ता देख व्यक्ति झूठ का सहारा लेता है और आगे चलकर यह उसकी आदत बन जाती है, जिसका उसे नुकसान भी होता है। आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, लेकिन इसके साथ ही संगत गलत होने के कारण वह गलत आदतों के चक्कर में फंस जाता है, जिससे आगे चलकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।