ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे लोग होते हैं तुनकमिजाज, आपका जन्म नक्षत्र क्या है

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Santy

ज्येष्ठा नक्षत्र गंडमूल श्रेणी का नक्षत्र है और इस कारण यह भी अशुभ माना जाता है। नाम के अनुरुप इस नक्षत्र का भी असर लोगों पर देखने को मिलता है। ज्येष्ठा मतलब ज्येष्ठ यानि बड़ा होता है। यह मध्यमा उंगली को दर्शाता है और नाम के मुताबिक ही इस नक्षत्र में जन्मे लोगों में काफी बड़प्पन भी देखने को मिलता है। यह नक्षत्र मंडल का 18वां नक्षत्र है। इसका स्वामी ग्रह बुध और राशि वृश्चिक है।

वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं और इस कारण इसमें मंगल की ऊर्जा और उग्रता भी देखने को मिलती है। वृश्चिक राशि में यह 226 डिग्री 40 मिनट से 240 डिग्री तक फैला हुआ है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक काफी साहसी होते हैं और उन्हें स्वतंत्रता पसंद होती है। ये जातक काफी आकर्षक होते हैं, साथ ही इनमें गंभीरता भी देखने को मिलती है।

प्रत्येक नक्षत्र में 4 चरण होते हैं। नक्षत्र मंडल के सभी 27 नक्षत्र मिलकर राशि के 360 डिग्री के एक चक्र को पूरा करते हैं। नक्षत्रों का निर्धारण करने में चंद्रमा की भूमिका अहम होती है। जातक के जन्म के समय चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है, वही जातक का जन्म नक्षत्र माना जाता है। जन्म नक्षत्र का व्यक्ति के जीवन पर पूरा प्रभाव होता है।

ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले तुनकमिजाज किस्म के होते हैं। इन्हें किसी की बात बर्दाश्त नहीं होती। इन्हें जो सही लगता है, वही करते हैं। ये लोग दिमाग से भी तेज होते हैं। वैसे कई बार जल्दबाजी के कारण ये गलती भी कर जाते हैं, इसलिए परेशानी में भी पड़ सकते हैं।

ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक अपना काम पूरी निष्ठा के साथ करते हैं, जिससे उन्हें सफलता मिलती है। ये समय की कीमत समझते हैं, इस कारण व्यर्थ की बातों में अपना समय नहीं गंवाते। इन जातकों को नौकरी और व्यवसाय दोनों में ही सफलता मिलती है।

घर परिवार के मामले में इन्हें थोड़ा सावधान रहने की जरूरत होगी, क्योंकि पत्नी से इनकी ज्यादा नहीं बनती। इनकी पत्नी इनपर हावी जरूरत रहती है, लेकिन अपने परिवार को संभालना भी जानती है। ये जातक थोड़े शांत और सहज होते हैं, लेकिन इनमें क्रोध भी देखने को मिलता है।

ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों का स्वास्थ्य वैसे तो अच्छा रहता है, लेकिन हाथ-पैर में दर्द आदि की शिकायत हो सकती है। अगर ऐसा हो, तो सावधानी बरतें और उपचार आदि पर ध्यान दें। इसके ज्योतिषीय उपाय अपनाकर भी नक्षत्र के दुष्प्रभावों से बच सकते हैं।

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