आपकी कुंडली के किस भाव में हैं शुक्र, जानिए अलग-अलग भाव में क्या होगा प्रभाव

By

Santy

वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में 12 भाव या घर होते हैं। पहले भाव को लग्न कहते हैं। अगर, इस भाव या घर में शुक्र (Venus) बैठा है तो उसका महत्व क्या होगा, इसकी जानकारी आपको होनी चाहिए। इसके अलावा बाकी भाव में शुक्र (Venus) होने से उसका अलग-अलग लाभ व नुकसान होता है।

शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति होता है तेजस्वी और कलाप्रेमी
अगर आपकी कुंडली के प्रथम भाव में शुक्र है तो व्यक्ति काफी आकर्षक व्यक्तित्व वाला होता है। हालांकि, शुक्र मनुष्य को आलसी भी बना देता है, जिससे आपको बचने की जरूरत है। अच्छी बात यह है कि इस लग्न के लोग काफी तेजस्वी होते हैं। वहीं, व्यक्ति स्वस्थ और निरोगी होने के साथ ही दीर्घायु भी होते हैं। ये कलाप्रेमी होते हैं और इनमें गीत-संगीत और चित्रकारी के प्रति भी रूचि होती है। शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति की वाणी मधुर होती है। ये एक बेहतर उपदेशक भी होते हैं।

जानिए 12 भावों में शुक्र के महत्व
अगर कुंडली के पहले भाव में शुक्र हो तो जातक मन में योजना बनाने वाला, सरल और सहज, घर में निवास करने वाला होता है। वह काफी आस्थावान भी होता है। इनके दोस्तों की संख्या भी ज्यादा होती है। इस कारण समाज में भी इनकी अच्छी पहचान बनती है।

दूसरे भाव में शुक्र का प्रभाव
अगर शुक्र (Venus) दूसरे भाव में है, तो आपको थोड़ा सावधान होने की जरूरत है। ऐसे लोग शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं। हालांकि, इसके लाभ भी हैं। यहां शुक्र किसी दूसरे माध्यम से धन की प्राप्ति करवाता है। व्यापार से लाभ होता है। आभूषण खासकर चांदी के व्यापार से लाभ देनेवाला होता है।

तीसरे भाव में शुक्र का प्रभाव
शुक्र अगर तीसरे घर में हो तो व्यक्ति को अपने भांजे से अधिक प्यार करना चाहिए। वहीं, वह नेत्र रोग से ग्रस्त हो सकता है। हालांकि, एेसे लोगों के पास धन होती है। ये लोग मधुर वाणी तथा सुंदर वस्त्र धारण करने वाले होते हैं।

चौथे भाव में शुक्र का प्रभाव
चौथे भाव में शुक्र काफी लाभकारी माना जाता है। ऐसे व्यक्ति को सुंदर घर की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही स्त्री और पुत्र का सुख, अच्छा घर, भोजन और वस्त्र का लाभ भी मिलता है। व्यक्ति आर्थिक रूप से भी समृद्ध होता है।

पांचवें भाव में शुक्र का प्रभाव
5वें घर में शुक्र होने पर व्यक्ति को अपने दामाद से अधिक प्रेम होगा। ऐसे लोगों की कन्या संतान अधिक होगी। हालांकि कुंडली में अगर गुरु मजबूत हो, तो पुत्र की भी प्राप्ति हो सकती है। ऐसा व्यक्ति काफी धनवान औऱ गुणवान होता है।

छठे भाव में शुक्र का प्रभाव
छठे भाव में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति योग्य, सामर्थ्यवान और विद्वान होता है। यदि कुंडली में शुक्र अस्त हो लेकिन उच्च का हो तो, व्यक्ति को शत्रुओं पर जीत हासिल होती है। ऐसा व्यक्ति दूसरों को सुख देने वाला होता है।

सातवें भाव पर शुक्र का प्रभाव
सातवें भाव में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति धन-धान्य से युक्त होता है। संतान में उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। ऐसे जातक का जन्म उत्तम कुल में हुआ होता है। शारीरिक रूप से सुंदर और जीवन में सुखी होती है। हालांकि इनके विवाह में थोड़ा विलंब हो सकता है।

आठवें भाव में शुक्र का प्रभाव
अष्टम भाव में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति दीर्घायु होता है। वह राजसेवक यानी सरकारी नौकरी करने वाला होता है। उसमें मांसाहार की प्रवृत्ति होती है। इनका स्वास्थ्य बेहतर नहीं होता और बीमारी होने की संभावना होती है।

नौवें भाव में शुक्र का प्रभाव
कुंडली के नवम घर में शुक्र की मौजूदगी से व्यक्ति का जीवन सुखी होता है। उसे तीर्थ यात्रा का मौका मिलता है। शारीरिक रूप से भी वह स्वस्थ होता है। ऐसे लोग ब्राह्मण को काफी मान और सम्मान देते हैं।

दसवें भाव में शुक्र का प्रभाव
शुक्र अगर दसवें भाव में हो तो, व्यक्ति साधन संपन्न होता है। इन्हें घर और वाहन का सुख मिलता है। ऐसे लोग कहीं भी रहें, सुखी और संपन्न होंगे।

ग्यारहवें भाव में शुक्र का प्रभाव
ग्यारहवें भाव में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति काफी खुशहाल होता है। शुक्र को भोग-विलास का भी परिचायक माना जाता है। ऐसे में जातक को इससे जुड़े सारे सुख मिलते हैं। वह धार्मिक प्रवृत्ति का भी हो सकता है। शारीरिक रूप से भी आकर्षक होता है।

बारहवें भाव में शुक्र का प्रभाव
कुंडली के बारहवें घर में शुक्र की स्थिति अच्छी मानी जाती है। हालांकि, शारीरिक रूप से शुक्र कई तरह की परेशानियां दे सकता है। खासकर बाल्यावस्था में व्यक्ति कोई रोगों से ग्रसित हो सकता है। कई बार इनमें छल-कपट की प्रवृत्ति भी देखने को मिल सकती है।

Santy के बारे में
For Feedback - [email protected]
Share.
Install App