इस कारण विवाह में बाधा होती है उत्पन्न, जानिए कहीं आपके साथ तो नहीं ऐसा

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Santy

कुंडली में अलग-अलग भावों में सभी ग्रहों की दशा और परिस्थिति भी भिन्न-भिन्न होती है। यदि किसी एक भाव में किसी ग्रह का नकारात्मक प्रभाव उस जातक पर पड़ता है, तो वहीं दूसरे भाव में वह उसके लिए सकारात्मक प्रभाव एवं सफलता प्रदान करने वाला कारक सिद्ध होता है। बृहस्पति को गुरु ग्रह भी कहा जाता है और यह मार्गदर्शन करने वाला ग्रह भी है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के दूसरे भाव में बृहस्पति (Jupiter) हों, तो इससे उस व्यक्ति के जीवन पर क्या सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, आइए जानते हैं ….

संपन्नता प्रदान करने वाला
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के दूसरे भाव में गुरु हों और वह मजबूत स्थिति में हों, तो वह व्यक्ति हमेशा धन-संपदा से परिपूर्ण और सुखी जीवन जाती है। उस व्यक्ति को किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।

आय के स्रोत में बढ़ोतरी
कुंडली के दूसरे भाव में गुरु हों, तो व्यक्ति की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत होती है। वह व्यक्ति किसी भी साधन से धन प्राप्ति के मार्ग स्वयं ही ढूंढ लेता है। ज्योतिष में दूसरे भाव को संपत्ति और वैभव का सूचक बताया गया है। माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली के दूसरे भाव में गुरु होता है, वह व्यक्ति हमेशा धन-धान्य से परिपूर्ण होता है। उसे सभी सुख और ऐश्वर्य भी प्राप्त होते हैं। इसे शुभ ग्रह माना जाता है।

आकर्षक व्यक्तित्व के धनी
जिनकी कुंडली के दूसरे भाव में बृहस्पति होते हैं, उनका व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षक होता है। ऐसे लोग दीर्घायु भी होते हैं। ऐसे लोग स्वभाव से विनम्र होने के साथ ही मधुरभाषी भी होते हैं। इनमें सकारात्मकता भी होती है।

नकारात्मक प्रभाव
सभी ग्रहों का सभी भावों पर अलग-अलग प्रभाव होता है। यह सकारात्मक भी हो सकता है एवं नकारात्मक भी। जिन व्यक्तियों की कुंडली के दूसरे भाव में गुरु कमजोर होता है, उन्हें शारीरिक, आर्थिक समस्याओं के साथ ही जीवन में और भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

नकारात्मकता दूर करने के उपाय
ऐसे लोग जिनकी कुंडली में गुरु कमजोर है, गुरुवार के दिन विष्णु भगवान एवं माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से नकारात्मकता का प्रभाव बहुत हद तक कम हो सकता है।

विवाह में बाधा
जिन लोगों की कुंडली में गुरु कमजोर होते हैं, उनके विवाह में अत्यंत विलंब होता है। नकारात्मकता को दूर करने के लिए गुरुवार के दिन केले के वृक्ष में जल अर्पित करें। इसके साथ ही भगवान विष्णु का ध्यान और पीले वस्त्र धारण करना चाहिए।

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