Diwali 2023 : दीपावली हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण पर्व है और इसे भगवान राम के अयोध्या लौटने के अवसर पर मनाया जाता है। दीपावली के पर्व पर दीपकों को जलाना संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका अर्थ है अंधकार से प्रकाश की ओर प्राप्ति। यह पर्व सौभाग्य, समृद्धि, और खुशियों का प्रतीक होता है।

दीपावली के दिन भगवान गणेश, मां लक्ष्मी, और मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी की पूजा को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि वह धन, समृद्धि, और सौभाग्य की देवी मानी जाती है। इसे सामाजिक और पारंपरिक तरीके से मनाने के साथ-साथ, लोग अपने घरों को सफाई और सजावट के साथ तैयार करते हैं और अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं। इस वर्ष दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी.

वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार दीपावली को पूजा के शुभ मुहूर्त के साथ  दीपक भी शुभ मुहूर्त ko ध्यान में रखकर जलाने चाहिए. इससे घर में सुख शांति बनी रहती है और आर्थिक समृद्धि बनी रहती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार दीपावली के दिन दीपकों को शुभ मुहूर्त में ही जलाने की सलाह दी जाती है, ताकि यह पर्व घर के हर कोने में खुशियों का प्रकाश लेकर आ सके।

दिवाली और नरक चतुर्दशी के दिन दक्षिण दिशा में दीपक जलाने को भारतीय संस्कृति की मान्यता में अशुभ माना जाता है। दक्षिण दिशा को हिन्दू धर्म में यमराज की दिशा माना जाता है, और इसलिए उसे अशुभ स्थान माना जाता है। इस दिशा में दीपक जलाने से घर में अकाल मृत्यु होने की सम्भावना बढ़ जाती है और घर के बड़ों की तबियत खराब रहती है.

दिवाली पर टूटे  खंडित या ख़राब दीए नहीं जलाएं. यह बहुत अशुभ होता है. जितना हो सके अच्छे और सुंदर ही दीपक जलाएं. ऐसा करने से घर में आर्थिक परेशानी बनी रहती है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.Timesbull.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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