Astro Tips: कछुए की अंगूठी को वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र में वास्तविक महत्व दिया जाता है, और कई लोग इसे अपने शुभ और समृद्धि के लिए पहनते हैं। इसे धन प्राप्ति और बढ़ते हुए आर्थिक स्थिति को बनाए रखने का एक प्रतीक माना जाता है। कछुआ धीरे और स्थिरता से चलने वाला जीव है, जिसे धीरे-धीरे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्राप्ति के लिए प्रतिष्ठित किया जाता है। इसलिए कछुए की अंगूठी पहनने का मतलब है कि व्यक्ति को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए धीरज और स्थिरता की आवश्यकता है।
कछुआ को धन प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है, और वास्तु शास्त्र और फेंगशुई में इसका महत्व बताया जाता है। इस अंगूठी को धारण करने से व्यक्ति को धन, संपत्ति, और समृद्धि की प्राप्ति में सहायता मिलती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अंगूठी को धारण करने का सही तरीका यह है:
- अंगूठी की धारणा की दिशा: आपको अंगूठी को दाहिने हाथ के अंगूठे में पहनना चाहिए। धारणा की दिशा बहुत महत्वपूर्ण होती है, और इसे सावधानी से चुनना चाहिए।
- अंगूठी के मांगलिक गहने: कछुआ की अंगूठी को सोने, चांदी, या प्लैटिनम में बनाई जाती है, परन्तु ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कछुए की अंगूठी को चांदी से बनवाने और श्री गुदवाएं को दिशा में धारण करने का खासकर ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र के अनुसार काफी महत्व है। यह आपके धन संबंधी प्रयासों को समृद्धि प्राप्ति की दिशा में मदद कर सकता है।चांदी की अंगूठी भी धन और समृद्धि के प्रतीक के रूप में मानी जाती है।
- शुभ मुहूर्त: अंगूठी की धारणा करने का शुभ मुहूर्त चुनना चाहिए, ज्योतिष शास्त्र में कछुआ की अंगूठी को मां लक्ष्मी से जोड़ा जाता है और यह वास्तविक धन और समृद्धि के प्रतीक माना जाता है। शुक्रवार को इसे पहनने का माना जाता है क्योंकि शुक्रवार वेणुस, जिसे मां लक्ष्मी का प्रतिनिधित्व माना जाता है, के दिन होता है।
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