पाकिस्तान की फ़ौज Army ने इमरान खान की ज़ुबान पर ताला लगा दिया है। पेमरा यानी पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेग्युलेशन अथॉरिटी (PEMRA)ने एक चिट्ठी जारी की है कि इमरान खान की बाइट वीडियो इंटरव्यू या सोशल मीडिया की कोई क्लिप दिखाई या चलाई तो चैनल ऑफ एयर कर दिया जाएगा और कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा। इस चिट्ठी के जारी होने के बाद से पाकिस्तानी मीडिया से इमरान खान काफूर हो चुके हैं। रेडियो टीवी अखबारों से तो इमरान खान गायब हैं हीं इमरान खान के कसीदे गढ़ने वाले यूट्यूबर्स भी गायब हो चुके हैं।
अच्छा ऐसा अचानक क्यों हुआ और पेमरा की चिट्ठी के ख़िलाफ़ मीडिया वाले हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गए। इसके पीछे की एक कहानी है। वो यह कि Pak Army डीजी आईएसआई समेत कुल तीन जनरलों ने सारे पाकिस्तान के सभी मीडिया टायकूंस को बुलाया, 3 मिनट की ब्रीफ़िंग दी और चले गए। मीडिया टायकूंस और हक़ीक़ी आज़ादी के अलंबरदार ने मीडिया टायकूंस की चाय भी ख़त्म नहीं हो पाई थी कि पेमरा की चिट्ठी मीडिया दफ़्तरों, ईमेल- और व्हाट्स एप पर पहुँच चुकी थी।
Pak Army का इमरान खान के खिलाफ एक्शन शुरू
अब शहबाज़ सरकार इस कोशिश में हैं कि पाकिस्तान तहरीक–ए–इंसाफ (पीटीआई) के चीफ़ इमरान खान सोशल मीडिया गतिविधियों पर भी रोक लग जाए। हालाँकि इमरान खान पर अदालतें अभी तक महरबान हैं। शुक्रवार को लाहौर स्थित एटीसी में पेश हुए और अदालत ने तीन मामलों में उन्हें मिली अग्रिम जमानत की अवधि 13 जून तक बढ़ा दिया। इसमें एक मामला कोर कमाण्डर के घर पर हमले वाला मामला भी शामिल है।
इमरान खान के ख़िलाफ़ एक और पुराना मामला चल रहा है। वो, पाकिस्तान तहरीक–ए–इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के ही एक वर्कर जिल्ले शाह की हत्या का मामला है। इस मामले में इमरान खान ने लाहौर हाईकोर्ट से ज़मानत को आगे बढ़वा लिया है। ऐसा बताया जाता है कि Amy ने पाकिस्तान की इमरान पसंद अदालतों को समझा दिया है कि अगर उनके मामलों में मदालखत की गई तो Army act 1952 उन पर भी लागू हो सकता है!