India Mock drill: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों तरफ से युद्ध की आशंका जताई जा रही है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कई राज्यों को 7 मई को मॉक ड्रिल करने का निर्देश दिया है। ऐसा इसलिए ताकि अगर कोई आपातकालीन स्थिति पैदा होती है तो हमारे देश के नागरिकों को बचाया जा सके।

इसमें हवाई हमले की स्थिति में क्या करना है, ब्लैकआउट की स्थिति में क्या करना है और किन अन्य तरीकों से खुद को बचाना है, यह शामिल है। नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लोगों को जागरूक करने के लिए यह मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा गया है। आइए जानते हैं कि सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल क्या है।

सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल क्या है?

विशेषज्ञों का कहना है कि सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल सिर्फ एक अभ्यास नहीं है। यह आपातकालीन स्थिति में नागरिकों को सुरक्षित रखने का तरीका बताता है। कैसे एक नागरिक मुश्किल परिस्थितियों में न सिर्फ खुद की बल्कि दूसरों की भी मदद कर सकता है। युद्ध या आपदा जैसी स्थिति से बाहर निकलने में यह ड्रिल अहम भूमिका निभा सकती है। यह एक महत्वपूर्ण अभ्यास है जिसे सभी को गंभीरता से लेना चाहिए।

इसलिए मॉक ड्रिल महत्वपूर्ण है

सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल एक ऐसा अभ्यास है जो लोगों को किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार करता है। इससे लोगों की जान बच सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, कई यूरोपीय देशों में इस तरह के मॉक ड्रिल किए जाते हैं। जहां भी युद्ध जैसे हालात बनते हैं, वहां की सरकार नागरिकों को बचाव के तरीके सिखाती है।

फिरोजपुर कैंटोनमेंट बोर्ड ने ब्लैकआउट रिहर्सल की

इससे पहले पंजाब के फिरोजपुर कैंटोनमेंट बोर्ड ने रविवार रात को 30 मिनट की रिहर्सल की जिसमें बताया गया कि ब्लैकआउट की स्थिति में क्या करना चाहिए और कैसे करना चाहिए। यह रिहर्सल रविवार रात 9 बजे से 9.30 बजे तक कैंट एरिया में की गई। इसका उद्देश्य नागरिकों को यह बताना था कि युद्ध जैसे आपातकालीन खतरे के मद्देनजर ब्लैकआउट की स्थिति में क्या करना चाहिए।