LPG Gas Cylinder Price Hike: एलपीजी सिलेंडर के दाम में 50 रुपये की बढ़ोतरी आम आदमी पर वित्तीय दबाव बढ़ा सकती है। रसोई गैस की कीमत में इस बढ़ोतरी से रोज़मर्रा की ज़िंदगी में खर्चे बढ़ेंगे, खासकर उन परिवारों के लिए जो पहले ही अपने बजट को संतुलित करने में मुश्किलें महसूस कर रहे थे।

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, अब एलपीजी सिलेंडर की कीमत 853 रुपये हो गई है, जो पहले 803 रुपये थी। इस बढ़ोतरी से परिवारों को खाना बनाने में अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ेगा। यह बढ़ोतरी विशेष रूप से उन लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है जिनकी आय सीमित है या जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।

यह बदलाव ऊर्जा कीमतों में बढ़ोतरी

यह बदलाव ऊर्जा कीमतों में बढ़ोतरी के व्यापक पैटर्न का हिस्सा हो सकता है, जो वैश्विक बाजार में तेल और गैस की कीमतों में उतार-चढ़ाव से जुड़ा हुआ है।

आप बिल्कुल सही कह रहे हैं। यह बढ़ोतरी एक ऐसे समय में हुई है जब पहले ही महंगाई की वजह से आम आदमी की जेब पर दबाव बढ़ा हुआ है। खाने-पीने की चीजों के दाम पहले ही काफी ज्यादा हो गए हैं, और अब रसोई गैस की कीमत में बढ़ोतरी से स्थिति और कठिन हो सकती है।

महंगाई का यह दौर लोगों के बजट को और भी कठिन बना रहा है, खासकर उन परिवारों के लिए जो पहले ही अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में संघर्ष कर रहे हैं। एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में यह बढ़ोतरी इस संकट को और बढ़ा सकती है, क्योंकि गैस सिलेंडर का इस्तेमाल हर घर में होता है, और यह एक बुनियादी आवश्यकता है।

यह बढ़ी हुई कीमतें 8 अप्रैल से लागू

यह बढ़ी हुई कीमतें 8 अप्रैल से लागू हो रही हैं, जो प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों और गैर-लाभार्थियों दोनों पर समान रूप से प्रभाव डालेगी। इसका मतलब है कि अब जो भी एलपीजी सिलेंडर खरीदा जाएगा, उसकी कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी होगी, चाहे वह सब्सिडी वाला हो या बिना सब्सिडी वाला।

तेल कंपनियों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए यह कदम उठाया गया है, लेकिन इससे आम आदमी पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा, जो पहले से ही महंगाई से जूझ रहा है। खासकर उज्ज्वला योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए यह एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि यह योजना के तहत रियायती दरों पर गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए जाते हैं।इस बढ़ोतरी का असर आम जनता पर पड़ा है, और यह देखना होगा कि सरकार इस पर किस तरह का कदम उठाती है ताकि लोगों को कुछ राहत मिल सके।