Tinted Car Glass Rule: भारत में अभी के समय प्राइवेसी को बड़ी तरजीह दी जाती है। यही कारण है कि बहुत से लोग अपने कार के शीशे काले करवाने का शौक रखते हैं। इनमें से बहुत दुख हो शीशे काले करवाने का अपना शौक भी होता है। पहले युवा अपनी गाड़ियों के शीशे को काला करवा लेते थे। लेकिन अब ऐसा करना कानूनन अपराध है। कार के शीशे पर जीरो विजिबिलिटी वाला ब्लैक फिल्म लगाना अपराध है।
ऐसा करने से ट्रैफिक पुलिस आपका चालान भी कर सकती है। लेकिन अगर आप चालान से बचकर ब्लैक शीशा करवाना चाहते हैं तो इसके लिए नियम बनाया गया है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको उसी नियम से रूबरू करवाएंगे इसे पढ़कर आप भी अपनी गाड़ी के शीशे को काला करवा सकते हैं।
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काले शीशे के लिए बना नियम (Tinted Car Glass Rule)
गाड़ियों पर लगे टिंटेड ग्लास के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में फैसला सुनाया था। इस फैसले में कोर्ट का कहना था कि किसी भी गाड़ी पर जीरो विजिबिलिटी वाले ब्लैक शीशे नहीं लगे होने चाहिए। इस नियम के तहत आगे और पीछे की ग्लास पर 70 फीसदी की विजिबिलिटी वाली ब्लैक फिल्म नहीं लगी होनी चाहिए। इसके साथ ही साइड के शीशे पर 50 फ़ीसदी से कम की विजिबिलिटी वाली ब्लैक फिल्म नहीं लगी होनी चाहिए। यानी कि आगे और पीछे की तरफ 70 फीसदी लाइट अंदर आ रही है तो यह शीशा कानूनी तौर पर मान्य होगा।
अगर आप इस नियम का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं तो ट्रैफिक पुलिस आप पर भारी चालान कर सकती है। इस नियम को जानने के बाद अगर आप चाहते हैं कि आपका शीशा भी ब्लैक दिखे तो आप आगे और पीछे की तरफ 70 फीसदी डिविजिबिलिटी वाले ब्लैक फिल्म चढ़ा सकते हैं। वही साइड की तरफ 50 फ़ीसदी विजिबिलिटी वाले ब्लैक फिल्म लगा सकते हैं।