नई दिल्ली: भारत में दशकों तक कई बादशाहों (emperors) या फिर राजाओ ( kings) का राज रहा है। तो इनके शासन काल में कुछ अच्छी बातें थी तो कुछ ऐसी जो झकझोर करके रख देती है। ऐसी कुप्रथा जिसके वजह से हजारों पुरुष और महिलाओं को गुलाम बना कर गंदे से गंदें काम करवाए जातें थे। तो वही इतिहास में बताया जाता है कि मुगल बादशाह संबंध बनाने के लिए हजारों औरतें को रखते थे, जिनके साथ ऐसे कई घिनौने काम करवाते थे।
मुगल साम्राज्य के बारे में ऐसी-ऐसी कहानियों के बारे में आप ने इतिहास में तो जरुर पढ़ा होगा। जिसमें हरम के किस्से आप सभी ने अक्सर सुने होंगे उसकी शुरुआत बाबर ने की। वही मुग़ल शासको ने भारत वर्ष पर सालों राज किया, मुग़ल साम्राज्य का शासनकाल 1526 से 1857 तक रहा।
आप को बता दें कि मुगलिया सल्तनत के जितने भी शासक रहे वे औरतो के बहुत शौकीन थे। बाबर, अकबर, शाहजहाँ, औरंगज़ेब तक की अनेक रानियाँ होती थी। इतिहास में मुग़ल बादशाह अपनी क्रूरता के लिए जाने जाते थे। बताया जाता है कि ये शासक अक्सर यद्ध मे जीते राज्य की रानियों एवं उस राज्य की औरतो को अपनी पत्नी बना लेते थे। वही इसी मौके पर उन्हें अपने महल में रखते थे। जिसे हरम नाम दिया गया था, हरम वह स्थान होता था जहां बादशाह के अलावे किसी अन्य मर्दों का जाना बिल्कुल वर्जित होता है।
केवल बादशाह को थी जानें की इजाजत
इतिहास बताया जाता है कि, हरम में रहने वाली महिलाएं विभिन्न जाति और धर्म से थी। यहां रहने वाली महिलाओं को हमेशा पर्दे में रहना पड़ता था। वही इस स्थान में केवल बादशाह को जाने की छूट होती थी। एक बार जो महिलाएं शाही हरम में दाखिल हो गई, उसे फिर अपनी पूरी उम्र कड़े पहरे और चारदीवारी के बीच ही गुजारनी पड़ती। यहां कहा जाता था कि कि यहां आते डोली में हैं और जाते हैं अर्थी में। बदले में बादशाह की ओर से हरम में हर तरह की सुविधाएं दी जातीं।
हरम के अंदर बादशाह के अलावा किसी अन्य मर्द को जाने की इजाजत नहीं थी। इसकी वजह से यहां सुरक्षा का काम भी औरतें ही संभालती थी। यहां पर ज़रूरी सामानों के बंदोबस्त के लिए अलग-अलग औरतें होती थी। वही रानी, पटरानियों को बस हुक्म करने की देर होती थी, उनकी ज़रूरतें पूरी हो जातीं। कई बार सैकड़ों भी और कई हरम में महिलाओं की संख्या गिनती के बाहर निकल जाती।