नई दिल्ली। हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र का बहुत महत्व है, कहा जाता है कि गायत्री मंत्र के जाप से जीवन में चल रही सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। साथ ही संकटों से जूझ रहे व्यक्ति को खासतौर पर गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। गायत्री मंत्र के जाप से सभी मनोकामनाएं की पूर्ति होती हैं। धर्म शास्त्र में गायत्री मंत्र को बहुत शक्तिशाली मंत्र बताया गया है, क्योंकि इसमें 24 शक्तियों का वास होता है।
गायत्री मंत्र के जाप से जीवन में स्ट्रेस, नेगेटिविटी की दिक्कत दूर होती है। मन को शांति मिलती है और हम पॉजिटिविटी सोचते हैं, एकाग्रता बढ़ती है। अगर हम नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करते हैं, तो हमारे जीवन में हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी। साथ ही ग्रह दोष से भी मुक्ति मिलेगी आइए जानते हैं कि गायत्री मंत्र जाप के क्या फायदे हैं
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गायत्री मंत्र और उसका अर्थ
गायत्री मंत्र ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। इसका अर्थ है सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परमात्मा के तीज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा वह तेज हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।
त्रिदेव भी जाप करते हैं गायत्री मंत्र का
धर्म शास्त्र में यह उल्लेख किया गया है कि ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश गायत्री मात्रा की पूजा करते हैं एवं पूजा के दौरान ही ब्रह्मा जी के मुख से खुद-ब-खुद गायत्री मंत्र निकल पड़ा था। गायत्री मंत्र में चारों वेदों का सार छिपा है इसके 24 अक्षर में चौबीस शक्तियां समाहित है इस मंत्र के जाप से जीवन में सफलता तरक्की एवं शांति मिलती है। गायत्री मंत्र के पूरा लाभ पाने के लिए विधि का जरूर पालन करें।
गायत्री मंत्र जाप करने का सही समय विधि क्या है
गायत्री मंत्र जाप करने का समय सुबह का है, इसके लिए सूर्योदय से पहले आप गायत्री मंत्र का जाप शुरू कर सकते हैं सूर्योदय के बाद तक जारी रखें. यदि सुबह गायत्री मंत्र जप करने का समय मिले तो दोपहर के दौरान भी आप गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं। शाम के समय सूर्य अस्त होने से पहले ही जाप शुरू करें और सूर्य अस्त होने के बाद ही गायत्री मंत्र का जाप समाप्त करें। सूर्यास्त के बाद गायत्री मंत्र का जाप करना अशुभ माना गया है, इससे नेगेटिव एनर्जी आती है।
गायत्री मंत्र जाप स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहन कर ही जाप करना चाहिए वक्त गायत्री मंत्र के जाप करते वक्त मन में बुरे ख्याल विचार नहीं आने दें, नहीं तो जाप का फल नहीं मिलेगा। गायत्री मंत्र जाप करने के समय आपको कम से कम 21, 51 या 108 बार इसका जाप करें एक से ज्यादा माला भी इसका जाप कर सकते हैं। मंत्र जाप करते वक्त कुश के आसन पर बैठना एवं अपने शरीर को पूर्व या पश्चिम की ओर ही रखें। गायत्री मंत्र जाप के लिए तुलसी या चंदन के माला को शुभ माना गया।