नई दिल्ली। उत्तर भारत यानी खासकर दिल्ली का एरिया ठंड के दिन आते ही पूरी तरह से प्रदूसित हो जाता है, और इस प्रदूसित हवा में सांस लेने से लोगों को कई तरह के बिमारियों का सामना करना पड़ता है। उसी में से एक है, क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जिसे सीओपीडी के नाम से भी जाना जाता है यह एक ऐसी बीमारी है जिसके चलते फेफड़े के वायु मार्ग सिकुड़ने लगते हैं, जिसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आती है। सीओपीडी होने पर शरीर के अंदर के कार्बन डाइऑक्साइड बाहर नहीं निकल पाते हैं, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
बहुत समय से खांसी बलगम के बहुत अधिक मात्रा में बनने सांस लेने में दिक्कत, स्ट्रेस थकान या किसी कारण से वजन का कम होना, यह सभी सीओपीडी के कुछ सामान्य लक्षण है। सीओपीडी के लक्षण का समय पर पता लगाया जाए तो इस बीमारी से जल्द ही निजात पाया जा सकता है। सीओपीडी की समस्या होने पर लोगों को हृदय संबंधी बीमारी, फेफड़ों के कैंसर जैसे बीमारी का खतरा आम व्यक्ति से अधिक बढ़ जाता है।
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सीओपीडी के लक्षण को भूलकर भी ना करें नजरअंदाज
क्रॉनिक कफ सीओपीडी के एक मुख्य लक्षण में से एक है। क्रॉनिक कफ यह लंबे समय से खांसी होने पर होता है। इस स्थिति में व्यक्ति लगातार पूरे दिन तक खांसते रहता है। आमतौर पर इसमें आपको चार से 8 हफ्तों से ज्यादा समय तक कफ की समस्या को झेलना पड़ सकता है।
पीला हरा बलगम
सीओपीडी होने पर दूसरा मुख्य लक्षण है अधिक बलगम का एवं उसका रंग पीला या फिर हरे रंग का होना ।यह किसी इंफेक्शन की ओर इशारा करते हैं। सांस लेने में परेशानी सीओपीडी होने पर सांस लेने में दिक्कत होती है। बहुत देर तक चलने के बाद या फिर सीढ़ी चढ़ने पर अगर आपको पूरे दिन थकावट महसूस हो रही है तो यह भी कमजोर फेफड़े के लक्षण हैं।
बिना किसी कारण से वजन का घटना – सीओपीडी होने पर बिना किसी कारण के लगातार वजन घटने लगता है। आपको वजन घटाने के लिए कुछ करना नहीं पड़ता है।
सीओपीडी होने के क्या कारण है
सीओपीडी का खतरा उन लोगों में ज्यादा पाया गया है जो व्यक्ति सिगरेट, तंबाकू के सेवन करते हैं और वह भी बहुत ज्यादा मात्रा में इसका एक और मुख्य कारण प्रदूषण धुआं के संपर्क में रहने वाले व्यक्ति या फिर केमिकल के संपर्क में अधिक समय व्यतीत करने वाले लोगों को सीओपीडी हो सकता है।