नई दिल्ली: पेटीएम को एक के बाद एक मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर नई यूजर्स को जोड़ने पर रोक लगाई थी और अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने फास्टैग सेवा के लिए 30 अधिकृत बैंकों की अपनी सूची से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को हटा दिया है।
क्या है इसका मतलब?
अनुमानित 20 मिलियन से अधिक पेटीएम फास्टैग उपयोगकर्ताओं को नए आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान) स्टिकर प्राप्त करने होंगे।
पेटीएम फास्टैग 29 फरवरी के बाद निष्क्रिय हो जाएंगे।
उपयोगकर्ताओं को टोल प्लाजा पर लंबी कतारों का सामना करना पड़ सकता है।
पेटीएम को भारी नुकसान हो सकता है।
एनएचएआई ने यह कदम क्यों उठाया?
सूत्रों का कहना है कि एनएचएआई पेटीएम पेमेंट्स बैंक की तकनीकी क्षमताओं को लेकर चिंतित था। एनएचएआई को डर था कि पेटीएम फास्टैग सिस्टम में खराबी से लाखों उपयोगकर्ताओं को टोल प्लाजा पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पेटीएम का क्या कहना है?
पेटीएम ने कहा है कि वह एनएचएआई के फैसले से निराश है और वह इस मामले को लेकर एनएचएआई से बातचीत कर रहा है।
क्या होगा आगे?
पेटीएम फास्टैग उपयोगकर्ताओं को 29 फरवरी से पहले नए आरएफआईडी स्टिकर प्राप्त करने होंगे। वे एनएचएआई की वेबसाइट से अधिकृत बैंकों की लिस्ट देख सकते हैं। वे बैंकों की वेबसाइटों या मोबाइल ऐप के माध्यम से नए फास्टैग के लिए आवेदन कर सकते हैं।
यह कदम पेटीएम के लिए एक बड़ा झटका है। पेटीएम फास्टैग भारत में सबसे लोकप्रिय फास्टैग सेवाओं में से एक है और इसके 20 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं। एनएचएआई के फैसले से पेटीएम को भारी नुकसान हो सकता है।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:
यह कदम पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर लागू होता है, न कि पेटीएम वॉलेट या पेटीएम UPI पर। पेटीएम फास्टैग उपयोगकर्ता 29 फरवरी तक अपनी पेटीएम फास्टैग का उपयोग कर सकते हैं। उन्हें 29 फरवरी से पहले नए आरएफआईडी स्टिकर प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।