Hariyali amavasya : सावन का महिना अपने साथ कई त्यौहार लेकर आता है ऐसे में हरियाली अमावस्या भी सावन के दौरान विशेष महत्व रखती है इस अमावस्या का संबंधपेड़ लगाने और पितरों के श्राद्ध के लिए है। हरियाली अमावस्या को वृक्षारोपण दिवस भी कहा जाता है। हरियाली अमावस्या को सावन महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या के रूप में मनाने का परंपरागत आदान-प्रदान होता है। इस दिन लोग वृक्षारोपण करते हैं ताकि प्राकृतिक संसाधनों की संरक्षा और प्रदूषण मुक्ति के लिए योगदान दिया जा सके। इस बार हरियाली अमावस्या 17 जुलाई सोमवार को है ऐसे में इस दिन कुछ पेड़ पौधे नहीं लगाने की मान्यता है यह कुछ पेड़ हैं जिन्हें हरियाली अमावस्या के दिन लगाने से बचना चाहिए:
भूलकर भी इस दिन न लगाये यह पेड़ :
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हरियाली अमावस्या पर बादाम, गूलर, बहेड़ा, पीपल, बेर, निर्गुंडी, इमली, कदम्ब और खजूर के पेड़ लगाने को अशुभ माना जाता है। इसके साथ ही घर में केला, अनार, पीपल और नींबू जैसे पौधे भी इस दिन नहीं लगाए जाते हैं।
यह पेड़ है शुभ :
हरियाली अमावस्या के दिन नीम, अशोक, पुन्नाग, शिरीष, बेल, अंकारा और तुलसी जैसे पौधे लगाने को शुभ माना जाता है। ये पेड़ प्राकृतिक और धार्मिक महत्वपूर्णता रखते हैं और इस दिन उन्हें लगाने का प्रतिबंध नहीं होता है। इस तरह के पौधों को लगाने से आप शुभता, प्रेम और प्राकृतिक संतुलन की ऊर्जा को अपने आस-पास बढ़ा सकते हैं।
आखिर क्यों लगाये जाते है हरियाली अमावस्या पर पेड़ :
हरियाली अमावस्या के दिन पेड़ लगाना धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं में बहुत शुभ माना जाता है। पेड़-पौधों को हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका दी जाती है।
अनेक धार्मिक शास्त्रों में यह कहा जाता है कि पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का निवास होता है। उदाहरण के लिए, पीपल के पेड़ में त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है। इसके अलावा अन्य पेड़ों में भी देवताओं का वास माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पेड़ों के द्वारा हम वातावरण को शुद्ध करते हैं, जीव-जन्तुओं को आश्रय देते हैं और ऊर्जा को बढ़ाते हैं।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Timesbull.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।