नई दिल्ली- देश के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान 3 के प्रशिक्षण के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है। यह भारत का तीसरा मून मिशन है अगर इस बार का या मिशन सफल होता है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश होगा। जो इस क्लब में शामिल होगा।
इसरो के महत्वाकांक्षी चंद्रयान प्रोजेक्ट को l.v. M3 M4 रैकेट शुक्रवार को लेकर अंतरिक्ष में जाएगा इस रैकेट को पूर्व में जीएसएलवी MK3 कहा जाता है। इशारों ने गुरुवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट किया था जिसमें इसकी जानकारी दी गई थी। कि कल 2:35 पर इससे लांच किया जाएगा कि पूरी तरह से लॉन्च हो चुका है।
अब आपको बताते हैं कि आई एस आर ओ के चंद्रमा तक पहुंचने के मिशन का घटनाक्रम 15 अगस्त 2003 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने चंद्रयान कार्यक्रम की घोषणा की थी।
22 अक्टूबर 2008 चंद्रयान-1 ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी, 8 नवंबर 2008 चंद्रयान-1 ने वर्क पर स्थापित होने के लिए चंद्र हस्तांतरण परिपथ में प्रवेश किया। 14 नवंबर 2008 चंद्रयान-1 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया लेकिन उसने चांद की चाहत पर पानी के अणुओं की मौजूदगी की पुष्टि की है।
28 अगस्त 2009 इशारों के अनुसार चंद्रयान-1 कार्यक्रम की संपत्ति हुई। 22 जुलाई 2019 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से chandrayaan-2 का प्रशिक्षण किया गया। 20 अगस्त 2019 chandrayaan-2 अंतरिक्ष यान चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया।
2 सितंबर 2019 चंद्रमा की दूरी कक्षा में चांद का चक्कर लगाते वक्त लैंडर विक्रम अलग हो गया था। लेकिन चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर लैंडर का जमीन स्टेशन से संपर्क टूट गया था। 14 जुलाई 2023 chandrayaan-3 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लांच पैड से उड़ान भरेगा। 23:00 24 अगस्त 2023 इसरो के वैज्ञानिकों ने 23-24 अगस्त की चांद की सतह पर शार्ट लैंडिंग की योजना बनाई जिससे भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाले देशों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा।
चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट के तीन लैंडर/रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। करीब 40 दिन बाद, यानी 23 या 24 अगस्त को लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे। ये दोनों 14 दिन तक चांद पर एक्सपेरिमेंट करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा के ऑर्बिट में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स की स्टडी करेगा। मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि लूनर सरफेस कितनी सिस्मिक है, सॉइल और डस्ट की स्टडी की जाएगी।