नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी MS Dhoni को भारत का सबसे सफल कप्तान माना जाता है। महेंद्र सिंह धोनी Dhoni एक ऐसे कप्तान रहे हैं, जिन्होंने भारत देश को अनेकों खुशियां मनाने के पल दिए है। धोनी दुनिया के एकमात्र कप्तान है जिन्होंने तीन आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम की है। अब सचिन तेंदुलकर Sachin Tendulkar ने कप्तान धोनी Dhoni को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। एक कार्यक्रम में सचिन ने बताया कि कैसे उन्होंने बीसीसीआई को कप्तानी के लिए महेंद्र सिंह धोनी का नाम सुझाया था।
सचिन के कहने पर धोनी को मिली कप्तानी
सचिन तेंदुलकर Sachin Tendulkar ने खुलासा करते हुए बताया कि मैंने ही बीसीसीआई से आग्रह किया था कि महेंद्र सिंह धोनी को टीम का कप्तान बनाया जाए। क्योंकि महेंद्र सिंह धोनी के पास काबिलियत थी, वह एक अच्छे बल्लेबाज और विकेटकीपर तो थे ही साथ में दिमाग से संतुलित और टीम को साथ रखने वाले थे। आपको बता दें जिस समय महेंद्र सिंह धोनी कप्तान बने उस समय उनकी उम्र 26 वर्ष थी। सचिन तेंदुलकर कहते हैं कि ”हम इंग्लैंड में थे, जब मुझे कप्तानी की पेशकश की गई थी। मैंने कहा कि हमारे पास टीम में एक बहुत अच्छा लीडर है, जो अभी भी जूनियर था, और वह ऐसा व्यक्ति है जिसे आपको करीब से देखना चाहिए।”
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राहुल थे कप्तान फिर भी चली धोनी की
सचिन ने एक और बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि जिस समय टीम के कप्तान राहुल द्रविड़ Rahul Dravid थे, उस समय भी वह फील्डिंग के दौरान धोनी Dhoni से बात किया करते थे और सचिन Sachin Tendulkar ने धोनी से बात करते हुए पाया कि धोनी में क्रिकेट की बहुत समझ है और वह मैदान में क्रिकेट को बहुत अच्छे से चला सकते हैं। इसलिए सचिन हमेशा से चाहते थे कि धोनी को ही टीम का कप्तान बनना चाहिए सचिन तेंदुलकर ने कहा कि ”मैंने उसके साथ बहुत सारी बातचीत की है, विशेष रूप से मैदान पर जहां मैं पहली स्लिप में फील्डिंग करता हूं। मैंने उससे पूछा, आप क्या सोचते हैं? मैंने धोनी से बारे में पूछा जबकि कप्तान राहुल द्रविड़ थे। लेकिन मैंने उनसे पूछा और मुझे जो प्रतिक्रिया मिली वह बहुत संतुलित, शांत, और बहुत परिपक्व थी।”
सचिन ने दी अहम टिप्स
सचिन तेंदुलकर Sachin Tendulkar ने अपनी बात आगे जारी रखते हुए कहा ”अच्छी कप्तानी विपक्ष से एक कदम आगे रहने के बारे में है। अगर कोई ऐसा करने के लिए पर्याप्त स्मार्ट है, जैसा कि हम कहते हैं, जोश से नहीं, होश से खेलो (समझदारी से खेलें)। यह तुरंत नहीं होता, आपको 10 गेंदों में 10 विकेट नहीं मिलेंगे। आपको इसकी योजना बनानी होगी। दिन के अंत में, स्कोरबोर्ड मायने रखता है। और मैंने उनमें वे गुण देखें, इसलिए मैंने उनके नाम की सिफारिश की थी।”
आपको बता दें सचिन तेंदुलकर का सपना था विश्व कप जीतने का और वह सपना महेंद्र सिंह धोनी की ही कप्तानी में पूरा हुआ था। 2011 में भारत ने धोनी की कप्तानी में विश्व कप अपने नाम किया था, वही सचिन ने 2013 में अपना अंतिम टेस्ट मैच खेलकर क्रिकेट से सन्यास लिया था, उस मुकाबले में भी धोनी ही कप्तान थे।