95 साल की उम्र में वह भारत के सबसे उम्रदराज जीवित टेस्ट क्रिकेटर थे। दत्ताजीराव भारत के पूर्व बल्लेबाज और कोच अंशुमान गायकवाड़ के पिता थे।
भारतीय खिलाड़ियों ने शनिवार को राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ चल रहे तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन पूर्व कप्तान दत्ताजीराव गायकवाड़ की याद में काली पट्टियां पहनीं। 1951 से 1962 के बीच भारत के लिए 11 टेस्ट खेलने वाले दत्ताजीराव का 12 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद 13 फरवरी को निधन हो गया था।
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95 साल की उम्र में वह भारत के सबसे उम्रदराज जीवित टेस्ट क्रिकेटर थे। दत्ताजीराव भारत के पूर्व बल्लेबाज और कोच अंशुमान गायकवाड़ के पिता थे। बीसीसीआई ने निरंजन शाह स्टेडियम में तीसरे दिन का खेल शुरू होने से कुछ देर पहले एक बयान में कहा- टीम इंडिया भारत के पूर्व कप्तान और भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर दत्ताजीराव गायकवाड़ की याद में काली पट्टी पहनेगी, जिनका हाल ही में निधन हो गया।
दत्ताजीराव दाएं हाथ के बल्लेबाज थे, जो मध्यम गति और लेग-ब्रेक दोनों गेंदबाजी कर सकते थे। दत्ताजीराव 1959 के इंग्लैंड दौरे के दौरान भारत के कप्तान थे। बीसीसीआई ने दत्ताजीराव के निधन पर दुख व्यक्त किया था। बोर्ड ने कहा था कि वह इस दुख की घड़ी में गायकवाड़ के परिवार, दोस्तों और चाहने वालों के साथ हैं।
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 1952 में लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था और उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 1961 में चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ था। दत्ताजीराव ने रणजी ट्रॉफी में 1947 से 1961 तक बड़ौदा का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 47.56 की औसत से 3139 रन बनाए, जिसमें 14 शतक शामिल थे।
2016 में बने थे सबसे उम्रदराज क्रिकेटर
दत्ताजी का सर्वोच्च स्कोर 1959-60 सत्र में महाराष्ट्र के खिलाफ नाबाद 249 रन था। वह 2016 में भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर बने थे। उनसे पहले पहले दीपक शोधन भारत के सबसे अधिक उम्र वाले टेस्ट क्रिकेट थे। पूर्व बल्लेबाज शोधन का 87 वर्ष की आयु अहमदाबाद में निधन हुआ था।