हंगामा पाकिस्तान में बरपा हुआ है और हालात ख़राब चीन की कम्युनिस्ट (Xi jinping ) सरकार हैं। चीन की शी जिनपिंग (Xi jinping )सरकार पाकिस्तान में इमरान समर्थकों के हंगामे से इतना घबरा गई है कि चीनी मीडिया में पाकिस्तान की ख़बरें दिखाने पर पाबंदी लगा दी गई है। चीनी सरकार को आशंका है कि कहीं पाकिस्तानियों की हरकत देखकर शी जिनपिंग के विरोधियों का हौंसला न बढ़ जाए और वहाँ भी कुछ गड़बड़ न फैल जाए।
जिस समय पाकिस्तान में राजनीतिक अशांति भारत समेत दुनिया के कई देशों में सुर्खियां बनी थी उस समय चीन के सरकारी मीडिया और वीबो जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पाकिस्तान की ख़बरों को सेंसर्ड करके चलाया जा रहा था। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi jinping ) के आलोचक थिंक टैंक में से एक और चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेम्परेरी इंटरनेशनल रिलेशंस निदेशक हू शिशेंग कहते हैं कि शी जिनपिंग (Xi jinping ) के शासन में चीन के आर्थिक हालात बहुत ख़राब हैं। शी जिनपिंग (Xi jinping ) को फ़िक्र इस बात की है अगर एक बार जनता सड़कों पर आ गई तो एक बार फिर थियेनमान चौक जैसी घटना न हो जाए।
चाइना सेंट्रल टेलीविजन ने केवल इतनी सी ख़बर प्रसारित की कि पाकिस्तान में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों में दस लोगों की मौत हो गई और 1,750 लोग घायल हो गए। सोशल मीडिया प्लेटाफॉर्म वीबो पर चीन ने काफी पांबदी लगा रखी है। जो हैशटैग पाकिस्तान में विरोध से संबंधित थे उन्हें भी बैन कर दिया गया है।
इमरान खान की गिरफ़्तारी के विरोध में हुए दंगे फ़साद केवल पाकिस्तान तक सीमित नहीं थे। कराची और लाहौर में चीनी नागरिकों की बस्तियों पर हमले की कोशिश की गई थी। इन घटनाओं के बाद चीनी दूतावास ने अपने सभी नागरिकों से घरों में रहने और बेवजह से घर से निकलने की हिदायत दी है। चीनी दूतावास ने यह भी एडवाइज़री जारी की गई है कि चीनी नागरिक पाकिस्तान सरकार, फ़ौज या इमरान खान पर हो रही चर्चाओं से दूर रहें। कोई भी चीनी नागरिक पाकिस्तान में हो रही घटनाओं पर कोई बयान न दे।
चेतावनी में दूतावास ने कहा, ‘जब तक जरूरी न हो, अकेले बाहर न निकलें, ऐसी जगहों पर न जाएं जहां पाकिस्तानी इकट्ठे हों। यहाँ यह भी ध्यान देने वाली बात है कि चीन ने पाकिस्तान में हो चुकी इतनी बड़ी घटना पर कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।