नई दिल्ली- मराठा आरक्षण पर पूरा महाराष्ट्र इस समय सुलग रहा है। इसको लेकर महाराष्ट्र सरकार सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के कड़े प्रबंध कर रही है। इसे लेकर यहां की राजनीति बेहद प्रभाव पूर्व दिखाई दे रही है। बता दे की मराठा में कई जातियों के बड़े-बड़े समूह है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र की जो आबादी है। इसमें 30 परसेंट की हिस्सेदारी मराठा जातियों की है।
अब इसके आरक्षण को लेकर एक अलग सी आग सुलग रही है। बताया जाता है कि महाराष्ट्र की राजनीति में 30% तक का प्रभाव मराठा जाति डालती है। अब तक के इतिहास की अगर बात करें तो अब तक के इतिहास में जितने भी मुख्यमंत्री महाराष्ट्र में बने हैं। ज्यादातर मराठा समुदाय के ही बने है।
महाराष्ट्र सरकार ने 2018 को इन्हें आरक्षण देने का फैसला कर लिया था। लेकिन उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे फैसले को निरस्त कर दिया था। अभी इस दौरान अनशन कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरंगे ने अब तरल पदार्थ का सेवन करना पूरी तरीके से बंद कर दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र की मराठा जातियां से एक साथ एकत्रित होने की अपील की है।
बताया जा रहा है कि 40 साल के मनोज मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी की के तहत सरकारी नौकरी में आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर 29 अगस्त से लगातार भूख हड़ताल चल रही है। इनके साथ हजारों मराठा कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। और महाराष्ट्र में पथराव की स्थिति भी कई बार देखने को मिल चुकी है।
महाराष्ट्र पर हालात पूरी तरीके से बिगड़ती जा रही आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र में सोमवार को कई जगह पुलिस के ऊपर पथराव भी किए गए। कई बार पुलिस को आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा जालना से शुरू विरोध प्रदर्शन की आज अब तक नागपुर समेत कई शहरों में पहुंच चुकी है।