नई दिल्ली – उत्तर प्रदेश में बसपा प्रमुख मायावती 2024 को लेकर तैयारी में जुट गई है। 2022 के चुनाव में करारी हार के बाद अब मायावती अल्पसंख्यक वोटों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही इसी क्रम में मायावती ने पीएम मोदी की हालिया बयान का हवाला देते हुए मुस्लिमों के लिए रिजर्वेशन की मांग को दोहराया है साथी लगे हाथ बीजेपी को मुस्लिम मुद्दों पर नसीहत भी दे दी है।
बता दें कि पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी ने भोपाल में बीजेपी के मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम में पसमांदा मुस्लिमों का जिक्र किया गया था। पीएम ने कहा था कि सियासत करने वालों ने पसमंदा मुस्लिमों को तबाह कर दिया है। समान नागरिक संहिता की जोरदार वकालत करते हुए पीएम ने यह भी कहा था कि भाजपा ने फैसला किया है कि वह तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति का रास्ता नहीं अपनायेगी। इसको लेकर मायावती लगातार बीजेपी को निशाने में ले रही आगे बीजेपी ने आरोप लगाया कि विपक्ष समान नागरिक संहिता के मुद्दों को इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और भड़काने के लिए कर रहा है।
मायावती ने ट्वीट में लिखा है, ‘पीएम श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भोपाल में बीजेपी के कार्यक्रम में सार्वजनिक तौर पर यह कहना कि भारत में रहने वाले 80 प्रतिशत मुसलमान ’पसमांदा, पिछड़े, शोषित’ हैं, यह उस कड़वी जमीनी हकीकत को स्वीकार करना है जिससे उन मुस्लिमों के जीवन सुधार हेतु आरक्षण की जरूरत को समर्थन मिलता है.’
माया ने दूसरे ट्वीट में लिखा, ‘अतः अब ऐसे हालात में बीजेपी को पिछड़े मुस्लिमों को आरक्षण मिलने का विरोध भी बंद कर देने के साथ ही इनकी सभी सरकारों को भी अपने यहाँ आरक्षण को ईमानदारी से लागू करके तथा बैकलॉग की भर्ती को पूरी करके यह साबित करना चाहिए कि वे इन मामलों में अन्य पार्टियों से अलग हैं.’
1. पीएम श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भोपाल में बीजेपी के कार्यक्रम में सार्वजनिक तौर पर यह कहना कि भारत में रहने वाले 80 प्रतिशत मुसलमान ’पसमांदा, पिछड़े, शोषित’ हैं, यह उस कड़वी जमीनी हकीकत को स्वीकार करना है जिससे उन मुस्लिमों के जीवन सुधार हेतु आरक्षण की जरूरत को समर्थन मिलता है।
— Mayawati (@Mayawati) June 30, 2023
2. अतः अब ऐसे हालात में बीजेपी को पिछड़े मुस्लिमों को आरक्षण मिलने का विरोध भी बंद कर देने के साथ ही इनकी सभी सरकारों को भी अपने यहाँ आरक्षण को ईमानदारी से लागू करके तथा बैकलॉग की भर्ती को पूरी करके यह साबित करना चाहिए कि वे इन मामलों में अन्य पार्टियों से अलग हैं।
— Mayawati (@Mayawati) June 30, 2023
2022 के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद मायावती दलित और मुस्लिम वोटों के गठजोड़ से अपनी सियासी स्थिति सुधारने की कवायद में जुटी हैं. इसी क्रम में मायावती ने हालिया निकाय चुनावों में मेयर की 17 सीटों में से 11 पर मुस्लिम कैंडिडेट उतारे थे. हालांकि मायावती का यह दांव नहीं चला और उन्हें निकाय चुनावों में भी करारी हार का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद मुस्लिमों से जुड़े मुद्दों पर मायावती सक्रिय रुख दिखा रही हैं. यह इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि अभी भी मायावती को इस वोट बैंक में खुद के लिए संभावना नजर आ रही है