नई दिल्ली: आपने देखा होगा कि भारतीय मुद्रा पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो छपी होते ही, जो हर किसी को आकर्षित भी करती है। कभी-कभी तो नोट पर महात्मा गांधी की फोटो को देखकर यह भी खयाल आता है कि बापू जी कितने महान थे, जिन्हें पाने को हर कोई उत्साहित रहता है।
इतना ही नहीं नोट पर उनकी यह तस्वीर कब से छपने लगे, जिस इतिहास को हर कोई जानना चाहता है। क्या आपको पता है कि महात्मा गांधी से पहले भारतीय नोट पर किसकी तस्वीर छपी होती थी। अगर पता है तो ठीक, नहीं तो हम आपको एक महत्वपूर्ण बातें बताने वाले हैं, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। महत्वपूर्ण तथ्य जानने के लिए आपको हमारा आर्टिकल ध्यान से पढ़ने की जरूरत होगी।
जानिए नोट पर महात्मा गांधी की तस्वीर से जुड़े तथ्य
अंग्रेजों से आजादी के बाद भारतीय को अपने अस्तित्व के बारे में पता चला। साल 1947 में समझ में आया कि भारतीय करेंसी पर ब्रिटिश राजा की तस्वीर की जगह महात्मा गांधी की फोटो होना जरूरी है। तत्कालीन सरकार ने इस मुद्दे पर सहमति जताने में काफी विलंब किया।
फिर सारनाथ में गांधी चित्र की चजगह राजा के चित्र को लायन कैपिटल से बदल दिया गया। राष्ट्रपिता की जन्म शताब्दी के अवसर पर महात्मा गांदी की तस्वीर पहली बार 100 रुपये के स्मारक मुद्रा नोट पर नजर आई। यह बात साल 1969 की है। देश के रिजर्व बैंक ने महात्मा गांधी को सेवाग्राम आश्रम की पृष्ठभूमि में बैठे हुए दिखाया गया है।
फिर नियमित रूप से आने लगा महात्मा गांधी का फोटो
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का फोटो 1987 से नियमित रूप से छपने लगा। इसे वर्ष अक्टूबर में हंसते हुए गांधी जी को दिखाने वाले 500 रुपये की मुद्रा नोटों की सीरीज लॉन्च कर दी गई। तत्पश्चात अलग-अलग, अंकों साथ करेंसी पर नोट पर गांधी का चित्र नियमित रूप से उपयोग किया जाता है।
इतना ही नहीं 50 से 10 और 5 के नोट के नोट पर भी महात्मा गांधी का फोटो लगा होता है। साल 1949 में तत्कालीन सरकार ने 1 रुपये के नोट पर अशोक स्तंभ का डिजाइन जारी किया गया है। 1953 में नोटों पर हिंदी को मुख्य रूप से प्रदर्शित किया जाने लगा।
इसके साथ ही 1954 में अधिक कीमत के नोटों को दोबारा शुरू किया गया। 10,000 रुपये को नोटो पर लायन कैपिटल अशोक स्तमंभि, 5000 रुपये क नोट पर गेटवे ऑफ इंडिया तथा हजार रुपये के नोट पर तंजौर मंदिर को प्रिंट किया गया।