नई दिल्ली- देश में लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई 17वीं लोकसभा के गठन के लिए आम चुनाव साल 2019 में अप्रैल से 19 मई 2019 के कुल 7 चरणों में कराए गए थे। जबकि चुनाव के परिणाम 23 मई 2019 को घोषित किए गए थे। जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण बहुमत बनाते हुए 303 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि बीजेपी गठबंधन ने कुल 353 सीटों में जीत हासिल की थी।
वाराणसी लोकसभा से नरेंद्र मोदी दूसरी बार जीतकर प्रधानमंत्री बने थे जबकि इसी के बगल में गाजीपुर क्षेत्र से केंद्रीय मंत्री रहे और तत्कालीन सांसद रहे मनोज सिन्हा एक लाख से ज्यादा वोटों से गठबंधन के बसपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी से लोकसभा चुनाव हार गए थे। बावजूद उसके कुछ शीघ्र नेतृत्व में गृहमंत्री के करीबी माने जाने वाले मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का एलजी नियुक्त कर दिया गया और अभी भी वह वहां अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं।
माना जा रहा है कि शीघ्र नेतृत्व मनोज सिन्हा के कश्मीर मामलों पर समझदारी से किए जा रहे कार्यों से संतुष्ट है। और जम्मू-कश्मीर के आम चुनाव को करा कर उन्हें और बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं। अब ऐसे में 18 वीं लोकसभा का चुनाव आगामी साल 2024 में होने को है। और उसकी उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।
भारतीय जनता पार्टी सूत्रों की मानें तो विपक्ष की लामबंदी को देखते हुए भाजपा शीघ्र नेतृत्व वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए यूपी लोकसभा में जीती हुई। सीटों के साथ हारी हुई सीटों पर कई आंतरिक सर्वे करा चुकी है। जिसमें गाजीपुर के पिछले और वर्तमान समीकरणों को देखते हुए। भाजपा के लिहाज से इसे जोखिम सीट का दर्जा दिया गया है। इसका मुख्य कारण यहां का जातीय समीकरण है।
आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में गाजीपुर लोकसभा से लगभग 21 लाख से ज्यादा मतदाता भाग लेंगे और यहां की सीट पर जातीय समीकरण कुछ इस प्रकार चर्चा में है। जहां पर सर्वाधिक यादव 5 लाख से ज्यादा है दलित 25 लाख है जो यादव मतदाताओं से थोड़े ही कम है। जबकि मुस्लिम मतदाता 3 लाख के आसपास है। कुशवाहा लगभग दो लाख के आसपास बताए जा रहे हैं अति पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी लगभग चार लाख से ज्यादा है जिसमें राजभर निषाद जिंदादी के मतदाता कई जातियों और मतों में बटा हुआ है।
वही राजपूत मतदाता लगभग 3 लाख 50 हजार ब्राह्मण और भूमिहार मिलाकर लगभग तीन लाख है। जबकि अन्य सरवन जिसमें कश्यप और बनिया डेढ़ लाख से ऊपर है। और अन्य लाख लाख 50 50 हजार हैं।