नई दिल्लीः बिहार में तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। नीतीश कुमार एनडीए के समर्थन से रविवार शाम को शपथ लेंगे, जिसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। नीतीश कुमार के साथ दो डिप्टी सीएम सहित 8 कैबिनेट मंत्री भी शपथ लेंगे।
इस बीच सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। विधायक दल की बैठक में इस फैसले पर मुहर लग चुकी है। एक बार फिर बिहार को दो उप मुख्यमंत्री मिल जाएंगे, जिसमें बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी और विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय सिन्हा का नाम शामिल हैं। ऐसे में आपको जानना होगा कि बिहार में बीजेपी के लिए मेहनत करने वाले सम्राट चौधरी की प्रष्ठभूमिक क्या है और वे कौन है। इसके लिए आप नीचे तक आर्टिकल ध्यान से पढ़ लें।
सम्राट चौधरी कौन हैं?
बीजेपी बिहार प्रमुख सम्राट चौधरी ने पार्टी को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई हैं, जिन्हें केंद्रीय नेतृत्व का करीबी माना है। सम्राट चौधरी 54 साल के हैं, जो कोइरी (कुशवाहा) समाज से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने 27 मार्च 2023 को औपचारिक रूप से बिहार के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला था।
बिहार विधान परिषद में बीजेपी के पूर्व नेता प्रतिपक्ष के पद पर भी रहे हैं। वे बिहार के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आते हैं। बिहार में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने के कदम को लव (कुर्मी) और कुश (कुशवाहा) वोटों को साधने की कोशिश के रूप में देखा गया।
धरी 6 साल पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। इससे पहले लालू प्रसाद की राजद और नीतीश कुमार की जदयू दोनों से जुड़े रहे हैं। साल 2017 तक वह बीजेपी में शामिल हो गए, जो कुछ ही समय बाद नीतीश कुमार के साथ जुड़ गई। चौधरी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पिछली एनडीए सरकार के दौरान पंचायती राज मंत्री के रूप में भी कार्य करने का काम किया है।
जानिए कब रखा था राजनिति में कदम
साल 1999 में सम्राट चौधरी ने राजनीति में कदम रखा था। राजनीतिक करियर परबत्ता से बिहार विधानसभा में उनके दो कार्यकाल रहे हैं। इतना ही नहीं वह राबड़ी देवी सरकार में मंत्री पद पर भी रहे हैं। उनका राजनीतिक करियर साल 1999 में शुरू हुआ। साल 2014 में लोकसभा चुनाव में जेडीयू की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद सम्राट चौधरी ने राजद छोड़ दिया।