नई दिल्ली- अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद चर्चाओं के केंद्र में आ गई है। ज्ञानवापी मस्जिद क्या असल में पहले मंदिर था। इस बात को लेकर देश में लगातार बहस चल रही है। इस मामले में हिंदू और मुस्लिम पक्ष के अपने-अपने दावे है। जिन्हें हिंदू पक्ष ने कोर्ट में पेश किया सर खाने में मौजूद यह तस्वीरें है।जिनमें देवी-देवताओं की मूर्तियां नजर आ रही है। यह तस्वीरें एडवोकेट कमीशन के दौरान ली गई। जिन्हें आज हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन के अदालत के सामने रखा जाएगा। इसके साथ ही साथ कुछ तस्वीरें जो एएसआई ने शुरू के घंटे में खींची थी। उन तस्वीरों को भी आज अदालत में पेश किया गया।
पेश की गई तस्वीरों में एक तस्वीर को काफी अहम बताया जा रहा है। जो मुख्य गुंबद के ठीक नीचे इसके बारे में हिंदू पक्ष का दावा है। कि या नीचे से खोखला है। जिससे धन धन की आवाज आती हिंदू पक्ष का मानना है। कि यदि विश्वेश्वर की मुख्य मूर्ति थी। जो आज भी किसी न किसी रूप में नीचे मौजूद है। इसके नीचे का इलाका चारों तरफ से दीवार से बंद हिंदू पक्ष का मानना है। कि हम मुख्य गुंबद के नीचे की बंद कोठरी या उनके आदि विशेषण का मुख्य स्थान है। इसे एएसआई अपने सर्वे में पता लगाकर सच्चाई बता सकता है। हिंदू पक्ष के मुताबिक 10 स्थानों में बने ऐसे स्तंभ हिंदू मंदिर की गवाही देते है।
आपको बता दें कि इन्हीं तस्वीरों को आज हिंदू पक्ष ने अदालत में दिखाया है और मस्जिद मंदिर पर बने होने का अपने प्रमाण को सामने रखा है।
अब देखने वाली बात यह है कि किस तरीके से इसमें फैसला आता है और क्या कुछ चीजें होती है। जो निकल कर सामने आती इस पर लगाता नजरें बनी हुई लेकिन जिस तरीके से मस्जिद के अंदर से ऐसी तस्वीरें निकल कर सामने आ रही है। यह जरूर एक बार सवाल करती आखिरकार क्या अब मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाया जाएगा कोर्ट का क्या फैसला आता है। फिलहाल सब की नजर उस पर टिकी हुई है