नई दिल्ली- उड़ीसा के बालासोर में पिछले महीने हुए ट्रेन हादसे में सीबीआई ने शुक्रवार को तीन रेल कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है इनमें से सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मोहंता, इंजीनियर मोहम्मद,आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार शामिल है। बता दें कि तीनों पर गैर इरादतन हत्या और सबूत मिटाने का आरोप है इस हादसे में 293 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। और एक हजार से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
सूत्रों का कहना है कि इन तीनों की लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ है सूत्रों का यह भी दावा है। कि तीनों आरोपी जानते थे। कि उनकी लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता है।
घटना की जांच कर रहे रेलवे सुरक्षा आयुक्त सीआरएस ने पिछले सप्ताह हादसे के लिए सिगंलिग विभाग के कर्मचारियों की मानवीय भूल को जिम्मेदार ठहराया था। बता दे कि बालासर रेल हादसे की सीआरएस की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया। कि इस दुर्घटना के लिए सिगनल एंड टेलीकॉम विभाग में कई स्तरों पर खामियां जिम्मेदार हैं। सिग्नल सर्किट डायग्राम में गड़बड़ी नहीं होती तो शायद 293 यात्रियों की जान नहीं जाती। भविष्य में इस वजह से दुर्घटना ना हो इसके लिए CRS ने 14 बिंदुओं पर अपनी सिफारिश पेश की है।
बता दें कि दिल्ली पूर्व सर्किल कोलकाता के सीआरएस AS चौधरी ने जांच रिपोर्ट में कहा कि सिग्नल सर्किट के डायग्राम में हुई गलतियों के कारण क्रॉसिंग गेट संख्या 94 के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस को गलत सिंगल मिला आप मेन लाइन को आप लूप लाइन क्रॉस ओवर करके 17 ए/ बी से जोड़ने वाला टॉप ओवर लूप लाइन में सेट किया गया था। गलत सिंगल के कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस आप लूप लाइन पर चली गई। जहा पर पहले से खड़ी मालगाड़ी के पीछे वाले वैगन से टकरा गई। जिससे यह हादसा हो गया।
बता दे कि हादसे का एक महीना होने पर बालासोर और भुवनेश्वर एम्स में जाकर पता किया गया। तो अभी तक 81 शवों की पहचान ही नहीं हो सकी थी। उनके डीएनए सैंपल जांच के लिए दिल्ली भेजे गए थे। कुछ दिन बाद ही खबर आई कि इनमें से 29 के डीएनए सैंपल मैच हो गए। इनमें से 6 लोगों की बॉडी परिवार को सौंप दी गई डीएनए रिपोर्ट में इतना वक्त इसलिए लगा कि मरने वाले ज्यादातर लोग तंबाकू खाते थे इसलिए उनके दांतो की टिशु निकालने में दिक्कत हो रही थी।